कांडी प्रखंड क्षेत्र के हरिहरपुर गांव के पास सोन नदी से बालू उठाव के लिए घाट का आम सहमति पत्र बनाने को लेकर जिला प्रशासन द्वारा ग्राम सभा का आयोजन किया गया. सरकारी निर्देशानुसार यह बैठक पंचायत के मुखिया अनुज कुमार सिंह व पंचायत सचिव मुकेश कुमार ने की. इसमें हरिहरपुर के ग्रामीणों ने बालू घाट के पंजीकरण को लेकर सरकारी नियमावली की मांग की. इस पर पंचायत सचिव मुकेश ने बताया कि हरिहरपुर बालू घाट में गांव के खाता नंबर एक में 150 एकड़ जमीन हरिहरपुर के ग्रामीणों की रैयती में है. इस पर ग्रामीणों ने कहा कि वर्षों से सोन नदी में बाढ़ आने की वजह से तट का कटाव हो गया है साथ ही रैयती जमीन पर बालू भर गया है. इसके मद्देनजर सरकारी स्तर पर बालू का उठाव प्रारंभ किया जा रहा है. ग्रामीणों ने बैठक में निर्धारित मुआवजे से संबंधित बात करने पर सरकारी कर्मचारी स्पष्ट जवाब नहीं दे सका. इस पर ग्रामीणों द्वारा बैठक में विरोध किया गया. ग्रामीणों ने कहा कि उनकी जमीन बालू से भर गयी है. इसको लेकर सरकार कभी भी गंभीर नहीं है. इस पर नियुक्तकर्मी बैठक स्थल से अधूरी जानकारी दे कर मनमाने तरीके से चले गये. जबकि ग्रामीणों का कहना था कि सोन नदी के किनारे तटबंध नही होने कि वजह से कई ग्रामीण भूमिहीन हो गये हैं तथा एक दिन इस गांव के सभी लोग विस्थापित हो जायेंगे.
उपस्थित लोग : मौके पर ग्रामीण बसंत सिंह, उपेन्द्र सिंह, बबलू सिंह, राजकुमार सिंह, बिमल सिंह बीडीसी प्रतिनिधि डबल सिंह, श्याम बिहारी पासवान, धुरबीछन रजवार, संजीत सिंह, सीता राम, मिथलेश राम व मुनीप बैठा ने विरोध जताया.
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