पत्थर खदानों की धूल व ब्लास्टिंग से ग्रामीण परेशान
पत्थर खदानों की धूल व ब्लास्टिंग से ग्रामीण परेशान
रंका अनुमंडल मुख्यालय व रमकंडा के आसपास के आठ-10 किमी के अंतराल पर पत्थर की 16 खदानें चल रही हैं.. जिले में बड़े पैमाने पर पत्थर का अवैध खनन किया जा रहा है. इससे आसपास के ग्रामीण परेशान हैं. पत्थर खनन के लिए किये जा रहे विस्फोट से आसपास के घरों में दरारें पड़ रही हैं तथा विस्फोट के कारण उड़ रही धूल व तेज आवाज से लोग बीमार पड़ रहे हैं. बड़े पैमाने पर खनन मानक की अनदेखी एवं नियमों को दरकिनार करते हुए लीज देकर पत्थर का खनन कराया जा रहा है. इस मामले में संबंधित डीएमओ व सीओ पर जांच कर कार्रवाई की जानी चाहिए. उक्त बातें पूर्व विधायक सह भाजपा नेता सत्येंद्रनाथ तिवारी ने कही. उन्होंने गौरगाड़ा गांव में ग्रामीणों के साथ बैठक की. बैठक में ग्रामीणों ने श्री तिवारी को अवैध खनन व इससे होनेवाले नुकसान से अवगत कराया. ग्रामीणों ने कहा कि रंका व रमकंडा समेत जिले के विभिन्न इलाकों में बड़े पैमाने पर पत्थर का खनन किया जा रहा है. गहरी खाई बनाकर तथा डाइनामाइट लगाकर विस्फोट किया जा रहा है. इससे पर्यावरण एवं वन्य जीव को नुकसान पहुंच रहा है. ग्रामीणों के घरों में दरारें आ रही हैं. इस वजह से वे भयभीत हैं.
प्रशासन से कार्रवाई की मांग : ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए खनन बंद कराने का आग्रह किया है. मौके पर पूर्व विधायक श्री तिवारी ने कहा कि सिर्फ रंका क्षेत्र में वर्तमान में छह बड़े क्रशर प्लांट एवं खनन स्थल सहित कुल 16 क्रशर प्लांट हैं. इनमें आठ वैसे क्रशर भी हैं, जिनकी स्वीकृति प्रदान की गयी है और वे शुरू होने की स्थिति में हैं. इससे स्थिति और भी गंभीर हो जायेगी.यहां नहीं होना चाहिए माइंस या क्रशर : श्री तिवारी ने बताया कि नदी के किनारे से 500 मीटर पर, वन क्षेत्र के 250 मीटर, नेशनल वाइल्ड लाइफ पार्क के 10 किलोमीटर, नेशनल या स्टेट हाइवे के 500 मीटर, गांव से एक किलोमीटर तथा शैक्षणिक संस्थान के 250 मीटर की दूरी पर माइंस या क्रशर प्लांट नहीं होना चाहिए. लेकिन इसकी अनदेखी कर माइंस व प्लांट चलाये जा रहे हैं. स्थिति ऐसी है कि सैकड़ो फीट नीचे गहरी खाई खोद दी जा रही है. इससे पर्यावरण को नुकसान तो हो ही रहा है, जलस्त्रोत भी सूख रहे हैं. इस पर जल्द नियंत्रण नहीं किया गया, तो आसपास की आबादी तबाह हो जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है