गढ़वा के इन पर्यटन स्थलों पर पधारें, नववर्ष हो जायेगा खास
गढ़वा के इन पर्यटन स्थलों पर पधारें, नववर्ष हो जायेगा खास
गढ़वा. नये साल के पहले दिन ज्यादातर लोग बाहर किसी सुंदर प्राकृतिक स्थलों पर पहुंचकर पिकनिक मनाना और फुर्सत के कुछ पल गुजारना पसंद करते हैं. वैसे तो गढ़वा जिले में पिकनिक स्थलों की कमी नहीं है. लगभग सभी प्रखंडों में मनोरम पिकनिक स्थल हैं. जहां न सिर्फ गढ़वा जिले के विभिन्न क्षेत्रों से, बल्कि सीमावर्ती राज्यों से भी लोग नये वर्ष पर पिकनिक मनाने और घूमने आते हैं. गुरु सिंधु जलप्रपात जिला मुख्यालय से करीब 45 किमी दूर चिनिया प्रखंड में गुरु सिंधु जलप्रपात स्थित है. यहां कनहर नदी की धारा ऊंची चट्टानों से जब नीचे गिरती है, तो इसके फव्वारे रंग-बिरंगे दृश्य उत्पन्न करते है. शांत प्रकृति के बीच झरने की आवाज मधुर लगती है. झारखंड और छतीसगढ़ की सीमा पर अवस्थित यह जलप्रपात चारों ओर से जंगलों से घिरा है. झरने के आसपास चट्टानों पर बैठकर लोग झरने के मनोरम दृश्य को निहारकर आनंद लेते हैं. पहले जलप्रपात तक आने के लिए सड़क नहीं थी. लेकिन झारखंड सरकार द्वारा इसे पर्यटक स्थल घोषित करने के बाद अब झरना तक छोटे-बड़े वाहनों से आसानी से जाया जा सकता है. सुखलदरी जलप्रपात इधर धुरकी प्रखंड में सुखलदरी में कनहर नदी खूबसूरत झरना का रूप लेती है. सुखलदरी तक जाने के लिए दशकों पूर्व सड़क और सीढ़ी का निर्माण किया जा चुका है. यह जलप्रपात जिला मुख्यालय से करीब 75 किमी दूर और धुरकी प्रखंड मुख्यालय से 15 किमी दूर है. यहां भी कनहर नदी की धारा उंची चट्टानों से नीचे गिर कर फव्वारा बनाती है, जो सतरंगी दिखायी देते हैं. यहां झरना तक पहुंचने के लिए सरकार द्वारा सीढ़ी का निर्माण किया जा चुका है. सुखलदरी को भी झारखंड सरकार ने पर्यटन स्थल घोषित किया है. सतबहिनी झरना कांडी प्रखंड अंतर्गत सतबहिनी झरना, जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर अवस्थित है. यहां पर्यटकों को विभिन्न देवी-देवताओं के दर्शन का भी लाभ मिल जाता है. सतबहिनी झरना का क्षेत्र काफी लंबा-चौड़ा है. यह चारों ओर से आबादी के बीच है. यहां रात में भी सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं रहती है. इसलिए यहां ज्यादा संख्या में लोग परिवार के साथ पिकनिक मनाने आते हैं. यह झरना भी झारखंड सरकार द्वारा पर्यटन स्थल के रूप में घोषित है. यद्यपि यहां पहले से ही स्थानीय लोगों की सतबहिनी झरना पर्यटन विकास समिति कार्यरत है. इसके सहयोग से यहां काफी विकास कार्य हो रहा है. कई अन्य बेहतर पिकनिक स्पॉट भी हैं उपरोक्त के अलावे जिले में अन्नराज डैम, पनघटवा डैम, राजा पहाड़ी, जिरवा डैम, भवनाथपुर का सेल डैम व रंका का नक्षत्र वन सहित जैसे दर्जनों पिकनिक स्थल हैं. यहां नये साल पर काफी संख्या में लोग पिकनिक मनाने आते हैं. नववर्ष के बाद गंदगी पसर जाती है नववर्ष व इसके बाद विभिन्न पिकनिक स्पॉट पर पर्यटक इतनी गंदगी फैला देते हैं कि यहां गंदगी पसर जाती है. पिकनिक मनानेवाले लोग इन स्थलों पर अपने खाने-पीने का अवशेष सामान पॉलीथीन, बोतल, विभिन्न तरह के रैपर, मांस-मछली की हड्डियां व शराब की बोतलें बिखरी रहती हैं. लोग मौज-मस्ती कर खाने-पीने के बाद कई चीजें फेंककर वापस चले जाते हैं. उम्मीद है इस बार लोगों में पर्यावरण व प्राकृतिक सौंदर्य के प्रति पर्याप्त संवेदनशीलता व जागरूकता होगी, जिससे इन पर्यटन स्थलों को हम सब महफूज रख सकेंगे.
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