पेयजल एवं स्वच्छता विभाग कहता है कि खराब पड़े चापाकल व जलमीनार को सूचना मिलते ही ठीक कर दिया जाता है. लेकिन कांडी प्रखंड में विभाग का उक्त घोषणा झूठी साबित हो रही है. प्रखंड के शिवपुर पंचायत में लगे कूल 11 जलमीनारों में से अधौरा गांव के दो जलमीनार वर्षों से खराब हैं. हरिजन टोला स्थित सार्वजनिक चबूतरे के पास लगी जलमीनार भी वर्षो से खराब है. उक्त जलमीनार को पिछली पंचायत सरकार के कार्यकाल में लाखों रुपये खर्च कर लगाया गया था. जलमीनार खराब होने के कारण वहां आसपास के घरों के लोग जल समस्या झेल रहे हैं. ग्रामीणों के कई बार की शिकायत के बावजूद उसे ठीक करने का कोई उपाय नहीं किया गया. उधर प्रा.वि हरिजन टोला परिसर में लगी जलमीनार भी वर्षो से खराब है. जलमीनार खराब होने से विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. लाभुकों को कहना है कि जबसे विद्यालय के इकलौता चापाकल में जलमीनार का समरसेबुल डाला गया है. उक्त चापाकल से पानी बहुत कम मात्रा में निकलता है. इसके लिए भी बहुत देर तक चापाकल चलाना पड़ता है. विदित हो कि प्रखंड क्षेत्र में कहीं पर लोगों को पानी की कोई समस्या न हो, इसके लिए बीडीओ ने एक टीम गठित की है. लेकिन उक्त टीम भी कागज तक ही सीमित है.
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