गढ़वा: रियाजउद्दीन उर्फ छोटू रंगसाज की रांची में दिनदहाड़े शनिवार को हत्या कर दी गयी. डेली मार्केट थाना क्षेत्र में उर्दू लाइब्रेरी के समीप अपराधियों ने उसे गोली मार दी. ये कुख्यात अपराधी झारखंड के गढ़वा जिले के रंका थाना के सेवाडीह गांव का रहने वाला था. 1997 में उसने अपराध जगत में दस्तक दी थी. 22 साल की उम्र में ही वह अपराध जगत में आतंक का पर्याय बन गया था. इसके बाद हत्या, लूटपाट सहित कई घटनाओं का अंजाम देने लगा. छोटू रंगसाज सबसे पहले वर्ष 1997 में सिरोईकला निवासी रामचंद्र साव की डालटनगंज में एक बारात में हत्या कर दी थी. बारात रंका से ही डालटनगंज गयी थी. बारात में शामिल रामचंद्र साव की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.
1999 में लूटपाट की दो घटनाओं को दिया था अंजाम
छोटू रंगसाज ने वर्ष 1999 में हथियार के बल पर लूटपाट की दो घटनाओं को अंजाम दिया. इसमें लूटपाट का सामान भी बरामद कर लिया गया था. वर्ष 2000 में में भी हथियार के बल पर लूटपाट की थी. इसके बाद वर्ष 2003 में रंगदारी नहीं देने पर रंका बाजार मेन रोड ज्वेलर्स दुकानदार एस कुमार सोनी की दुकान में ही घुस कर गोली मारकर हत्या कर दी थी.
परिवार के साथ रांची में रहता था छोटू
कुख्यात अपराधी छोटू रंगसाज वर्ष 2004 में रंका बाजार दवा व्यवसायी आशीष कुमार शौंडिक पर गोली चला दी थी. इसमें वे घायल हो गए थे. इसके बाद वर्ष 2004 में वह उग्रवादी संगठन में शामिल हो गया था. थाने में नक्सली केस दर्ज है. वर्ष 2006 में रंगदारी का मामला दर्ज है. छोटू रंगसाज रंका थाना का दागी अभियुक्त था. पुलिस उसके घर पर रेड करती थी तो वह परिवार के साथ रांची में रहता था. बताया जाता है कि सिरोईकला के रामचंद्र साव ने छोटू रंगसाज का घर जलवा दिया था. इसके बाद वह अपराध जगत में कदम रखा था.