अपनी बेटी समझकर जिसका किया अंतिम संस्कार, वह 10 दिनों बाद लौटी
अपनी बेटी समझकर जिसका किया अंतिम संस्कार, वह 10 दिनों बाद लौटी
गढ़वा जिले के भंडरिया थाना क्षेत्र के चिरैयाटांड़ जंगल में पिछले दिनों बालू में दफन क्षत विक्षत शव का काजल बानो के रूप में पहचान कर उसके घरवालों ने अंतिम संस्कार कर दिया था. अब वह काजल बानो 10 दिन बाद जिंदा लौट आयी है. मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों भंडरिया थाना क्षेत्र के चिरैयाटांड़ जंगल में बालू में दफन युवती का शव भंडरिया पुलिस ने बरामद किया था. शव की पहचान भंडरिया निवासी असगर अली ने अपनी बेटी काजल बानो के रूप में की थी. वहीं शव की शिनाख्त के बाद उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया था. इधर 10 दिन बाद जब काजल बेंगलुरु से लौटी, तो उसके परिजनों के आंसू छलक उठे. बताया गया कि वह किसी बात से नाराज होकर छह माह पहले भंडरिया के जोगियामठ मेले में जाने की बात कहकर बेंगलुरु चली गयी थी. वहां किसी कंपनी में अपने सहेलियों के साथ काम कर रही थी. अचानक घर से चले जाने और बेटी के बारे में किसी प्रकार की जानकारी नहीं मिलने पर काजल के पिता असगर ने भंडरिया थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी. इसी बीच भंडरिया पुलिस को चिरैयाटांड़ के जंगल से एक अज्ञात शव की जानकारी मिली. इसके बाद असगर ने शरीर के चिह्न के माध्यम से उसकी पहचान अपनी बेटी काजल के रूप में की थी. इसी बीच पुलिस को काजल के बेंगलुरु में होने की जानकारी मिली. इसके बाद उसे भंडरिया बुलाया गया. प्रशासनिक प्रकिया के बाद पुलिस ने काजल को उसके घरवालों को सौंप दिया.
उलझ गयी बरामद शव की गुत्थी
इधर 15 मई को चिरैयाटांड़ के जंगल से बरामद किया गया शव किसका है. यह गुत्थी अब उलझ गयी है. बरामद शव भी अज्ञात युवती का था. अब इसकी पहचान करना भंडरिया पुलिस के लिए चुनौती से कम नही है. भंडरिया थाना प्रभारी चंदन कुमार ने कहा कि उसकी भी पहचान जल्द हो जायेगी. पुलिस विभिन्न बिंदुओं पर जांच कर रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है