गिरिडीह : झारखंड विकास मोरचा के केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के साथ महागंठबंधन तोड़ कर भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों के साथ सरकार बनाने के फैसले की आलोचना की है. बाबूलाल ने कहा कि नीतीश कुमार ने ठीक नहीं किया. भ्रष्टाचार यदि सरकार चलाने में बाधक बन रहा था, तो वे सबसे पहले उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को हटाते. इसके बाद यदि राजद समर्थन वापस ले लेता, तो फिर उन्हें अगला कदम उठाना चाहिए था.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बिहार में जो कुछ भी हुआ है, उससे यह साबित हो गया कि एक तरफ धनलोलुपता थी, तो दूसरी तरफ सत्तालोलुपता. कहा कि लोकतंत्र में यदि सत्ता लोभ और धन लोभ हावी हो जाये, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है. नेताओं को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. इससे बचने का हरसंभव प्रयास करना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति में 24 घंटे में जिस तेजी के साथ घटनाक्रम बदले, उससे कई सवाल खड़े हुए हैं. महागंठबंधन से त्याग पत्र देना और भाजपा का समर्थन लेकर जल्दबाजी में शपथ ले लेना नीतीश की सत्ता लोलुपता को दर्शाता है. श्री मरांडी ने कहा कि नीतीश के इस कदम से न ही महागंठबंधन पर कोई असर पड़ेगा, न झारखंड की राजनीति पर. उन्होंने कहा कि महागंठबंधन में कई दल हैं और दलों का आना-जाना लगा रहेगा. कहा कि महागंठबंधन देश की आवश्यकता है और एक पार्टी के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
उधर, तिसरी में झाविमो सुप्रीमो झारखंड सरकार पर भी खूब बरसे. उन्होंने कहा कि कि झारखंड में गरीब मजदूरों की अनदेखी हो रही है. झारखंडवासियों के सपने को चकनाचूर करने में भाजपा कोई कसर बाकी नहीं रखी. उन्होंने कहा कि धनबल के लिए राजनीति में भी लोग अपने को दावं पर लगा देते हैं. कमजोर लोगों को दबाना चाहते हैं और यही काम भाजपा कर रही है, लेकिन झारखंड में झाविमो यह सब नहीं होने देगा.
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उन्होंने कहा कि झाविमो झारखंड के अस्तित्व को कभी मिटने नहीं देगा. भाजपा को झाविमो से ही ज्यादा डर है. यही कारण है कि भाजपा झाविमो को खत्म करने की हरसंभव कोशिश कर रही है. लेकिन, उनके मंसूबे को झारखंड की जनता ही नेस्तनाबूद कर देगी. श्री मरांडी रांची जाने के क्रम में तिसरी में प्रभात खबर से बातचीत कर रहे थे.