एक शिक्षक के भरोसे 508 बच्चे

उच्च विद्यालय कुबरी. अपने स्वर्णिम अतीत पर बहा रहा आंसू जिस स्कूल से पढ़ कर चंदननगर के बलदेव राम बिहार में आइजी बने, गुंडरी के बलदेव राम बोकारो में डीडीसी रहे, बरवाडीह के सतेंद्र सिंह कोल्हान विश्व विद्यालय में कुलपति पद को सुशोभित कर रहे हैं, वह कुबरी उच्च विद्यालय आज शिक्षकों के अभाव में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 8, 2017 11:45 AM
उच्च विद्यालय कुबरी. अपने स्वर्णिम अतीत पर बहा रहा आंसू
जिस स्कूल से पढ़ कर चंदननगर के बलदेव राम बिहार में आइजी बने, गुंडरी के बलदेव राम बोकारो में डीडीसी रहे, बरवाडीह के सतेंद्र सिंह कोल्हान विश्व विद्यालय में कुलपति पद को सुशोभित कर रहे हैं, वह कुबरी उच्च विद्यालय आज शिक्षकों के अभाव में स्वर्णिम अतीत को याद कर आंसू बहाने को विवश है. शिक्षकों की घोर कमी से यह विद्यालय जूझ रहा है. बावजूद इसके इस पर किसी का ध्यान नहीं जाना, व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है.
राजधनवार : राजधनवार प्रखंड स्थित कुबरी उच्च विद्यालय का हाल बदहाल है. 70 व 80 के दशक में स्वीकृत पद के अनुसार प्रधानाध्यापक सहित यहां 11 शिक्षक कार्यरत थे, विषयवार पढ़ाई होती थी. यहां के बच्चे न सिर्फ धनवार प्रखंड में, बल्कि जिले में नाम रौशन कर रहे थे. उस कालखंड में यहां से माध्यमिक शिक्षा पाने वाले विद्यार्थियों ने गौरवशाली पदों पर पहुंचकर क्षेत्र का नाम रौशन किया . आज केवल एक प्रभारी प्रधानाध्यापक उपेंद्र कुमार राय के सहारे यहां 508 बच्चों का भविष्य गढ़ने का प्रयास हो रहा है.
शिक्षकों के अभाव के बावजूद 3-4 घंटों के लिए लगभग दो सौ बच्चे रोज स्कूल आते हैं. शिक्षक उपेंद्र राय उन्हें गणित व विज्ञान पढ़ाते भी हैं, लेकिन अन्य सभी विषयों के लिए बच्चों को कोचिंग का सहारा लेना पड़ता है. इसमे गरीब परिवार के बच्चे पिछड़ रहे हैं. यह स्थिति प्रायः 2007 से ही यहां बानी हुई है. खेतो निवासी गौतम सिंह के अनुसार आज कुबरी क्षेत्र में जो विकास व स्मृद्धि दिख रहा है, इसी स्कूल की देन है. लेकिन आज जो स्थिति बनी हुई है, उससे भविष्य पर प्रश्न चिह्न लग गया है.
आलम यह है कि कुबरी से महज तीन किमी दूर घोड़थंबा में कई निजी उच्च विद्यालय खूब फल-फूल रहे हैं. यहां अध्ययनरत विद्यार्थी प्रियांशु, आशीष, पूजती, शबाना, इरफान, काजल, बबलू यादव आदि जो स्कूल के स्वर्णिम अतीत की मर्यादा आगे भी बरकरार रखते हुए देश व समाज की सेवा करना चाहते हैं. बच्चों व अभिभावकों ने सरकार व विभाग से यहां शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति का अनुरोध किया है.

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