पेट दर्द व घायलों के लिए 108 एंबुलेंस, कोरोना संदिग्ध से कंपनी ने पल्ला झाड़ा
गिरिडीह : पेट दर्द व घायलों के लिए 108 की एंबुलेंस सेवा गिरिडीह में उपलब्ध है. परंतु कोरोना संदिग्ध मरीजों को सेवा देने से कंपनी इंकार कर रही है. आलम यह है कि सीएस के निर्देश की भी यहां अनदेखी की जा रही है. रविवार को चतरो के एक संदिग्ध ने 108 एंबुलेंस सेवा को […]
गिरिडीह : पेट दर्द व घायलों के लिए 108 की एंबुलेंस सेवा गिरिडीह में उपलब्ध है. परंतु कोरोना संदिग्ध मरीजों को सेवा देने से कंपनी इंकार कर रही है. आलम यह है कि सीएस के निर्देश की भी यहां अनदेखी की जा रही है. रविवार को चतरो के एक संदिग्ध ने 108 एंबुलेंस सेवा को फोन किया तो कंपनी के प्रतिनिधि ने यह कहकर इंकार कर दिया कि कोरोना संदिग्ध के लिए एंबुलेंस सेवा नहीं है. अंत में उन्हें परिजन के साथ बाइक से सदर अस्पताल आकर जांच कराना पडा. रविवार की दोपहर जब प्रभात खबर के प्रतिनिधि ने 108 पर फोन किया तो काउंटर पर बैठी युवती ने यह कहकर फोन कट कर दिया कि कोरोना के लिए सरकारी एंबुलेंस को फोन करें. यहां इस प्रकार की सेवा नहीं दी जाती.
विदित हो कि संकट किसी से पूछकर नहीं आती है. स्वास्थ्य संबंधी संकट में जब किसी की जान पर बन आती है तो सबसे पहले एंबुलेंस को याद किया जाता है. इसी सोच के तहत सरकार हर गांव, हर शहर तक एंबुलेंस सेवा शुरू की थी. फिलहाल देश व राज्य में कोरोना संकट को लेकर सभी प्रकार की मेडिकल सुविधाओं की मांग बढ़ गयी है. परंतु इस विकट घडी में 108 एंबुलेंस सेवा दे रही कंपनी हाथ खड़ी कर रही है. विदित हो कि राज्य के स्थापना दिवस पर 2017 में 108 एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की गयी थी. एंबुलेंस का परिचालन पीपी मोड पर जिगित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है. प्रावधान के तहत केवल शव के लिए 108 एंबुलेंस सेवा नहीं दी सकती है.
परंतु कोरोना संकट के दौर में संदिग्ध मरीज को भी यह सेवा उपलब्ध नहीं हो रही है. अरबों खर्च कर संकट की घडी में भी कंपनी संदिग्ध मरीज को सेवा देने से इंकार कर रही है तो फिर सेवा का औचित्य ही क्या है. जानकारी के अनुसार जब भी 108 पर कोरोना संदिग्ध मरीज की सूचना दी जा रही है कंपनी एंबुलेंस सेवा देने से इंकार कर रही है. हालांकि स्थानीय स्तर पर भी ऐसे नर्सिंग होम की तलाश कर ली गयी है जहां वेटिंलेटर व आइसीयू की व्यवस्था है. फिलहाल यहां सरकारी एंबुलेंस से संदिग्ध मरीज को आइसोलेशन वार्ड तक पहुंचाया जा रहा है. विभाग के पास है 22 एंबुलेंस :डीपीएम प्रतिमा कुमारी ने बताया कि गिरिडीह में 22 सरकारी एंबुलेंस है. जिससे कोरोना संदिग्ध को आइसोलेशन वार्ड तक पहुंचाया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय में रर्निंग कंडीशन में तीन व एक में कुछ तकनीकी खराबी के कारण एंबुलेंस गाड़ी खड़ी है, दो रेफरल अस्पताल में दो-दो तथा चौदह सीएससी में एक-एक एंबुलेंस है. उन्होंने कहा कि फिलहाल विभाग के पास काम चलाने लायक एंबुलेंस है. परंतु समस्या बढ़ी तो मुश्किल होगी. एडवांस व बेसिक दो प्रकार की है एंबुलेंस :108 एंबुलेंस में दो प्रकार की सेवा उपलब्ध है. उपाधीक्षक डाॅ. उपेंद्र दास की मानें तो कंपनी द्वारा दो प्रकार की एंबुलेंस उपलब्ध करायी गयी है. एडवांस और बेसिक. एडवांस एंबुलेंस में किसी भी अस्पताल के इमरजेंसी जैसी सुविधा उपलब्ध है, वहीं बेसिक एंबुलेंस में जान बचाने के उपकरण उपलब्ध होते है. एडवांस एंबुलेंस में वेंटिलेटर, स्वचालित स्ट्रेचर के अलावा जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध होती है तथा बेसिक एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर की सुविधा होती है. कोरोना संकट के दौर में एडवांस एंबुलेंस कारगर साबित होता है, क्योंकि इसमें वेंटिलेटर की सेवा भी उपलब्ध रहती है.
पॉजिटिव मरीज में देगी सेवा : सिविल सर्जनसिविल सर्जन डाॅ अवधेश कुमार सिन्हा ने कहा कि संदिग्ध कोरोना मरीज को आइसोलेशन वार्ड तक पहुंचाने के लिए 108 एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करायी जायेगी. उन्होंने कहा कि पॉजिटिव मरीज रहा तो कंपनी अपनी सेवा देगी. यहां काबिलेगौर है कि संदिग्ध मरीज को कोई समस्या होती तो एडवांस एंबुलेंस ज्यादा कारगर होती. सीएस डाॅ. सिन्हा ने कहा कि कोरोना पोजिटिव के लिए 108 की दो एंबुलेंस रखी गयी है. कहा कि जरूरत हुई तो इसका उपयोग किया जायेगा. सुरक्षा के लिहाज से नहीं दी जा रही सेवा : प्रबंधककंपनी के जिला प्रबंधक जीतेंद्र कुमार ने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से कोरोना संदिग्धों को 108 एंबुलेंस की सेवा नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि एंबुलेंस में कई प्रकार के बीमार लोग जाते है. ऐसे में संदिग्ध मरीज पॉजिटिव निकला तो परेशानी हो जायेगी. डाटा निकालने में बड़ी परेशानी होगी. इस कारण कोरोना संदिग्ध को यह सेवा नहीं दी जा रही है.