पीडीएस दुकानदारों से स्पष्टीकरण, 72 घंटे में मांगा जवाब

देवघर : अनाज उठाव करने गये लाभुक मिठू महथा की मौत के बाद एक ही छत के नीचे दो पीडीएस दुकानों को चलाने के खुलासा होने के मामले में जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने एसएचजी द्वारा संचालित मां तारा एवं इंदु देवी जनवितरण प्रणाली की दुकानदार से स्पष्टीकरण पूछा है. सोमवार को पूछे गये स्पष्टीकरण का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2018 6:32 AM
देवघर : अनाज उठाव करने गये लाभुक मिठू महथा की मौत के बाद एक ही छत के नीचे दो पीडीएस दुकानों को चलाने के खुलासा होने के मामले में जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने एसएचजी द्वारा संचालित मां तारा एवं इंदु देवी जनवितरण प्रणाली की दुकानदार से स्पष्टीकरण पूछा है. सोमवार को पूछे गये स्पष्टीकरण का जवाब 72 घंटे में मांगा गया है.
मिठू महथा की मौत के बाद विभागीय मंत्री ने भी पूरे मामले की जांच कराते हुए सचिव के स्तर से रिपोर्ट मांगी है. इधर, विभागीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एमओ (मार्केटिंग ऑफिसर) देवघर द्वारा पूरे मामले की जांच करते हुए अपनी रिपोर्ट जिला आपूर्ति पदाधिकारी को सौंप दी गयी है. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि एसएचजी द्वारा संचालित मां तारा दुकान सामूहिक हित के हैं. स्वयं सहायता समूह का स्वरुप प्रजातांत्रिक नहीं है. यह लाइसेंस शर्तों का उल्लंघन है. दुकानदार द्वारा उचित भंडारण, वितरण, लाभुकों का सूची आदि का उल्लेख सूचना पट पर नहीं किया जाता है. एक ही छत के नीचे इंदु देवी की पीडीएस दुकान का संचालन किया जा रहा है. दुकान संचालन की अनुमति नहीं ली गयी है, न ही कोई सूचना विभाग को दी गयी. एक ही जगह पर दो दुकानों का संचालन होने से लाभुकों को बेहतर सुविधा नहीं मिल रही है. इंदु देवी चिकित्सकीय लाभ के सिलसिले में बाहर गयी हैं, इसलिए दोनों दुकानों का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उपआवंटन एवं लाभुकों को निकटवर्ती दुकान से टैग किया जा सकता है.
राशन दुकानों में नहीं है इंडेक्शन रजिस्टर
देवघर . देवघर में जनवितरण प्रणाली की एक हजार से ज्यादा दुकानों का संचालन हो रहा है, लेकिन अधिकांश पीडीएस दुकानों में अपवाद (इंडेक्शन) रजिस्टर उपलब्ध नहीं है. इसका मूल उद्देश्य पॉश मशीन मेें फिंगर प्रिंट मैच नहीं होने अथवा कार्डधारी के गैर उपस्थिति में उनके परिवार को निर्धारित अनाज देकर इसका उल्लेख अपवाद रजिस्टर में करना है. लेकिन, जिले के अधिकांश जनवितरण प्रणाली की दुकानों में अपवाद रजिस्टर ही नहीं है. न ही विभाग ही अपवाद रजिस्टर को लेकर गंभीरता दिखा रहा है. अगर अपवाद रजिस्टर जनवितरण प्रणाली की दुकानों में रहता, तो शायद बीमार कार्डधारी मिठू महथा को राशन दुकान तक जाना पड़ता. न ही उसकी मौत होती.
एमओ को सत्यापित करना होता है अपवाद रजिस्टर : जिला आपूर्ति कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जनवितरण प्रणाली की दुकानों में रखा जाने वाला अपवाद रजिस्टर एमओ (मार्केटिंग ऑफिसर) के हस्ताक्षर द्वारा सत्यापित कर दिया जाता है. लेकिन, जनवितरण प्रणाली की दुकानों में रजिस्टर से संबंधित कोई ब्योरा जिला आपूर्ति कार्यालय में नहीं है.

Next Article

Exit mobile version