दहेज प्रताड़ना में दो को तीन वर्ष की सजा, मामला पीरटांड़ थाना अंतर्गत चिरकी गांव का
गिरिडीह : न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी रवि चौधरी की अदालत ने मंगलवार को दहेज प्रताड़ना के मामले में मनीष साव व निर्मला देवी को धारा 498ए/34 भादवि में तीन वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही अदालत ने एक हजार का जुर्माना भी लगाया है. मामला पीरटांड़ थाना अंतर्गत चिरकी गांव का […]
गिरिडीह : न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी रवि चौधरी की अदालत ने मंगलवार को दहेज प्रताड़ना के मामले में मनीष साव व निर्मला देवी को धारा 498ए/34 भादवि में तीन वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही अदालत ने एक हजार का जुर्माना भी लगाया है. मामला पीरटांड़ थाना अंतर्गत चिरकी गांव का है. बताया जाता है कि गुड़िया देवी की शादी वर्ष 2008 में मनीष साव के साथ हुई थी.
शादी के बाद मनीष उसे दिल्ली ले गया और कुछ दिन तक ठीक-ठाक रखने के बाद दो लाख रुपये नगद, मोटरसाइकिल व रंगीन टीवी की मांग करने लगा. मांग पूरी नहीं होने पर शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा. खबर पाकर गुड़िया के माता-पिता दिल्ली पहुंचे और मनीष को समझाने का काफी प्रयास किया. बावजूद गुड़िया के साथ प्रताड़ना का दौर जारी रहा. मनीष के साथ-साथ सास निर्मला देवी, ससुर रामप्रसाद साव भी गुड़िया को प्रताड़ित करते थे.
20.01.2009 को गुड़िया को मारपीट कर मायके पहुंचा दिया और इसके बाद मनीष साव वहां से भाग गया. इसके बाद गुड़िया देवी ने अदालत में परिवाद पत्र दायर कराया. जिसका वाद संख्या 496/09 है. मामले में संज्ञान लेकर अदालत में विचारण किया गया. प्रतिवादी की ओर से नौ गवाह के बयान का परीक्षण कराया गया. जबकि अभियुक्तों की ओर से दो गवाही करायी गयी. दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद अदालत ने दहेज प्रताड़ना के मामले में मनीष साव निर्मला देवी को दोषी पाते हुए तीन-तीन वर्ष की सजा सुनायी है.
साथ ही अदालत ने एक-एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. रामप्रसाद साव की मौत हो चुकी है. प्रतिवादी की ओर से अधिवक्ता द्वारिका प्रसाद साहू व बालगोविंद साहू ने बहस की. जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अहमद हुसैन अंसारी व महेंद्र देव ने बहस की.