बंद हो सकता है डुमरी का प्रोजेक्ट बालिका हाई स्कूल, शिक्षकों व संसाधनों की कमी के कारण 50 छात्रों के भविष्य पर लगा सवाल.
डुमरी : एक ओर सरकार बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर कई योजनाएं संचालित कर रही है. वहीं दूसरी ओर सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान डुमरी प्रखंड में दम तोड़ती नजर आ रही है. बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रखंड मुख्यालय स्थित एकमात्र प्रोजेक्ट […]
डुमरी : एक ओर सरकार बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर कई योजनाएं संचालित कर रही है. वहीं दूसरी ओर सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान डुमरी प्रखंड में दम तोड़ती नजर आ रही है. बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रखंड मुख्यालय स्थित एकमात्र प्रोजेक्ट बालिका उवि डुमरी बंद होने की स्थिति में है. वर्तमान में दो शिक्षिकाओं के सहारे स्कूल का संचालन हो रहा है, जिसमें से एक शिक्षिका अगस्त 2019 व दूसरी शिक्षिका दिसंबर 2019 में सेवानिवृत्त होने वाली है.
इनकी सेवानिवृत्ति से पहले सरकार द्वारा विद्यालय में शिक्षकों की वैकल्पिक व्यवस्था व नियुक्ति नहीं की गयी, तो विद्यालय पूरी तरह से ठप हो जायेगा. ज्ञात हो कि इस विद्यालय की स्थापना वर्ष 1984 में की गयी थी. इसका उद्घाटन वर्तमान विधायक ललित उरांव के कर कमलो से किया गया था. 1984 से 2014 तक विद्यालय में शिक्षकों व छात्राओं की संख्या अच्छी थी.
मगर वर्ष 2010 से 2016 तक छह शिक्षक सेवानिवृत्त हो गये. इसी साल गणित के शिक्षक अरविंद कुमार सिन्हा इस विद्यालय से अपना तबादला करा कर बघिमा पालकोट चले गये. इन छह शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने के बाद विद्यालय में लंबे से से एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है.
यहीं से विद्यालय की पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है, जिससे विद्यालय की छात्राओं का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है. इसी बीच सरकार के आदेशानुसार वर्ष 2014 में विद्यालय के वर्ग छह सात को बंद कर दिया गया. उसके दो वर्ष बाद वर्ग आठ को भी हटा दिया गया. उसके बाद विद्यालय में नाममात्र के वर्ग नौ व 10 बचा, जहां शिक्षकों की संख्या दो है. विद्यालय में छात्राओं की संख्या दिनों दिन घटती जा रही है.
वर्तमान में विद्यालय में वर्ग नौ में तीन व वर्ग 10वीं में 42 छात्राएं हैं. इन सभी कारणों के कारण विद्यालय बंद होने की कगार पर है. इस संबंध में प्रभारी एचएम एरेन एक्का ने बताया कि विद्यालय में शिक्षकों की कमी है. नये विद्यालय भवन में खिड़की में शीशा नहीं लगा है, जिससे छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. शौचालय की स्थिति दयनीय है. विद्यालय में बिजली उपलब्ध है. कंप्यूटर रूम बनाया गया है, लेकिन अभी तक कंप्यूटर उपलब्ध नहीं कराया गया है.