अमरनाथ सिन्हा
गिरिडीह : नक्सली संगठन भाकपा माओवादीके दो दिन के बंद का असर मधुबन में दिख रहा है. नक्सलियों के फरमान के बाद इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है. बंद के पहले दिन मधुबन की सभी दुकानें बंद है. जैन संस्थानों में भी कर्मी नहीं पहुंचे हैं. जिस सड़क पर दिन भर तीर्थयात्रियों का आवागमन होता था,वहां इक्का-दुक्का स्थानीय लोग ही दिख रहे हैं.
बताया जाता है नक्सली संगठन ने जैन संस्थाओंपर कर्मियोंका शोषण करने का आरोप लगाया है. इसके विरोध में माओवादियों ने बंद का आह्वान किया है. बंद की दूसरी वजह श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बाइक से पर्वत भ्रमण पर ले जाना भी है.
बताया जाता है की झारखंड के गिरिडीह में स्थित इस विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल में मधुबन से पारसनाथ पर्वत तक यात्रियों को ले जाने का काम डोली मजदूर करते रहे हैं. दोसालमें तलहटी से पर्वत की चोटी तक राज्य सरकार ने सड़क बना दी है.
अब बाइक चालक यात्रियों को पर्वत ले जाते हैं. ऐसे में डोली मजदूरों केसामने बेरोजगारी की समस्या आन पड़ी है. नक्सलियों ने इसे भी मुद्दा बनाया है और इलाके में पोस्टर भी चिपकाया है.
इधर, जिले के एसपी सुरेंद्र कुमार झा का कहना है कि नक्सली बौखलाहट में हैं और पुलिस उनसे निबटने के लिए तैयार है.