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गिरिडीह : छात्रा के पोस्टमार्टम में देरी पर हंगामा, परिजनों ने लगाया अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप

गिरिडीह : छात्रा के पोस्टमार्टम में देरी होने पर रविवार को परिजनों और ग्रामीणों ने सदर अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया. बता दें कि शनिवार की दोपहर 13 वर्षीय मुनिया (धनबाद जिले के टुंडी थाना क्षेत्र की जाताखुट्टी के महेश मुर्मू की पुत्री) की तबीयत बिगड़ गयी थी. वह राजकीय अनुसूचित जनजाति आवासीय बालिका […]

गिरिडीह : छात्रा के पोस्टमार्टम में देरी होने पर रविवार को परिजनों और ग्रामीणों ने सदर अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया. बता दें कि शनिवार की दोपहर 13 वर्षीय मुनिया (धनबाद जिले के टुंडी थाना क्षेत्र की जाताखुट्टी के महेश मुर्मू की पुत्री) की तबीयत बिगड़ गयी थी. वह राजकीय अनुसूचित जनजाति आवासीय बालिका उच्च विद्यालय पीरटांड़ में आठवीं की छात्रा थी.
तबीयत बिकड़ने के बाद उसे लेकर वार्डेन आरती कुमारी व विद्यालय के अन्य लोग पीरटांड़ सीएचसी ले गये. यहां से उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. शाम 5.30 बजे छात्रा को सदर अस्पताल लाया गया, जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बाद में नगर थाना पुलिस पहुंची और मामले की जानकारी ली.
इसके बाद जिला कल्याण पदाधिकारी रामेश्वर चौधरी भी पहुंचे और वार्डेन से मौत के कारणों की जानकारी ली. बताया गया कि छात्रा के सीने में दर्द हुआ था और बाद में इलाज के क्रम में मौत हो गयी. उसके मुंह से झाग निकल रहा था. ऐसे में सूचना पर परिजनों ने मौत पर संदेह व्यक्त करते हुए पोस्टमार्टम करवाने की मांग की.
लोगों ने अस्पताल के चिकित्सकों से शाम को ही पोस्टमार्टम कराने को कहा, लेकिन इस पर अस्पताल प्रबंधन तैयार नहीं हुआ. रविवार को भी परिजनों ने पोस्टमार्टम के लिये अस्पताल में मौजूद कर्मियों से बात की तो कहा गया कि संडे को अनुभवी चिकित्सक नहीं रहते हैं.
इसके बाद मामले की जानकारी पर पीरटांड़ प्रखंड प्रमुख सिकंदर हेंब्रम के अलावा जेएमएम के अजीत कुमार पप्पू, प्रमिला मेहरा, लखिचंद किस्कू समेत कई लोग पहुंचे और सुबह 10.30 बजे हंगामा शुरू हो गया. हंगामा के दौरान शव को कुछ कर्मी पोस्टमार्टम हाउस के अंदर ले जाने लगे तो उसे रोक दिया गया. कहा गया कि जब तक चिकित्सकों की टीम नहीं बनेगी तब-तक कुछ भी नहीं होगा.
दंडाधिकारी की मौजूदगी में हुआ पोस्टमार्टम
मामले की जानकारी मिलने के बाद एसडीओ राजेश प्रजापति, कल्याण पदाधिकारी रामेश्वर चौधरी, अंचलाधिकारी धीरज ठाकुर पहुंचे. यहां पर लोगों से बात की. बात करने के बाद एसडीओ ने ड्यूटी रोस्टर को मंगाया और उसे अपने साथ ले गये. कहा कि इस मामले को डीसी के समक्ष रखा जायेगा और जो भी चिकित्सक दोषी होंगे उनपर कार्रवाई की जायेगी.
इस बीच तीन सदस्यीय चिकित्सकों की टीम गठित की गयी. टीम में अस्पताल उपाधीक्षक डा बीएन झा, डाॅ दीपक कुमार और डाॅ लवकुश सिन्हा को शामिल किया गया और दंडाधिकारी की मौजूदगी में पोस्टमार्टम हुआ. बाद में शव को परिजनों को सौंप दिया गया. इधर, बच्ची की मौत पर कल्याण पदाधिकारी ने कहा कि अभी तक पता चला है कि बच्ची के सीने में दर्द हुआ जिसके बाद उसे अस्पताल लाया गया जहां मौत हो गयी. वैसे वे सोमवार को विद्यालय जायेंगे और इस संदर्भ में और भी जानकारी लेंगे.
व्यवस्था को सुधारने की जरूरत : प्रमुख
पीरटांड़ प्रमुख सिकंदर हेंब्रम ने कहा कि बच्ची की मौत संदिग्ध परिस्थिति में हुई थी. ऐसे में पोस्टमार्टम की जरूरत थी. कहा की पोस्टमार्टम के बाद रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि लोगों को जानकारी मिल सके की बच्ची की मौत कैसे हुई थी. कहा कि अस्पताल में गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं. यहां पर रविवार को परिजन पोस्टमार्टम के लिये यहां पर कार्यरत चिकित्सक के पास भी गये, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था.
प्रबंधन की लापरवाही से हंगामा : अजीत
झामुमो नेता अजीत कुमार पप्पू ने कहा कि बच्ची की मौत के बाद पोस्टमार्टम करने में अस्पताल प्रबंधन ने लापरवाही बरती. इसी से आक्रोशित होकर लोगों को हंगामा करना पड़ा. कहा कि इतना हंगामा के बाद भी डाक्टरों ने पोस्टमार्टम में खानापूर्ति की. इतना ही नहीं गरीब आदिवासी बच्ची की मौत के बाद परिजनों को खुद ही प्लास्टिक व कफन खरीदना पड़ा. इसकी जांच होनी चाहिए.
सड़क जाम की हुई तैयारी तो पहुंचे चिकित्सक
इस बीच आक्रोशित लोग बच्ची का शव लेकर सड़क पर जाने लगे और जाम की तैयारी शुरू कर दी. इस सूचना पर पूर्वाह्न 11.30 बजे अस्पताल उपाधीक्षक डाॅ बीएन झा पहुंचे और आक्रोशित लोगों से बात की. कहा गया कि तीन सदस्यीय चिकित्सकों की टीम पोस्टमार्टम करेगी, जिसके बाद लोग शांत हुए.
मेडिकल बोर्ड गठित करने में हुई देरी : उपाधीक्षक
अस्पताल उपाधीक्षक डॉ बीएन झा ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में चिकित्सकों के बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम करवाने की बात कही गयी थी. ऐसे में बोर्ड गठित करने में देरी हुई और लोग आपा खो बैठे. कहा कि पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया है. रिपोर्ट भी पुलिस को दी जायेगी.
मरांगबुरु सावन्ता सुसार बेसी ने की जांच की मांग
पीरटांड़ : मरांगबुरु सावंता सुसार बेसी की बैठक रविवार को मधुबन स्थित हटिया मैदान में हुई. बैठक में सर्वप्रथम पीरटांड़ में संचालित अनुसूचित जनजाति बालिका उच्च विद्यालय की 8वीं की छात्रा मुनिया मुर्मू की संदेहास्पद मौत पर रोष प्रकट किया गया.मामले की उच्च स्तरीय जांच तथा दोषियों पर कार्रवाई की मांग की.
कहा कि ऐसा नहीं होने पर सुसार बेसी आंदोलन करने को विवश होगी. बैठक में उपस्थित पीरटांड़ व डुमरी के तमाम मांझी हड़ाम व संस्था के लोगों ने निर्णय लिया गया कि संथाल आदिवासियों का प्रमुख त्योहार सोहराय पूरे जिले में एक साथ हो. इसके लिए नौ जनवरी से 11 जनवरी तक त्योहार मनाने का निर्णय लिया गया.
वहीं मधुबन स्थित मरांग बुरु में 23 दिसंबर को ही दिशोम सोहराय पर्व मनाने व मांझी हाउस का उद्घाटन करने का निर्णय लिया गया. संस्था के सचिव अर्जुन हेंब्रम ने बताया कि वर्तमान समय में मरांगबुरु स्थित जुगजाहेर थान के सौंदर्यीकरण के राज्य सरकार के निर्णय के विरुद्ध जैन धर्मावलंबियों द्वारा कुप्रचार पर रोष प्रकट किया गया तथा मांग की गई कि सरकार आदिवासी धर्म स्थल का सौंदर्यीकरण जल्द प्रारंभ करे. मौके पर सिकंदर हेंब्रम, नुनका टुडू, बुधन हेंब्रम, चांदो लाल मुर्मू, करमचंद हांसदा, बाबूराम मुर्मू, विजय सोरेन, साहेब राम मुर्मू, महादेव टुडू, रविलाल हेंब्रम, करमचंद हेंब्रम सहित समाज के कई लोग उपस्थित थे.

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