गिरिडीह : जुलूस निकाल सरकार के खिलाफ की नारेबाजी, प्रदर्शन के बाद डीसी को सौंपा चार सूत्री मांग पत्र

गिरिडीह : गिरिडीह कोलियरी के असंगठित मजदूरों के हक को लेकर झामुमो-झाकोमयू ने सोमवार को डीसी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. इस दौरान भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गयी. इससे पूर्व पार्टी कार्यालय से एक जुलूस निकाला गया. जिसमें पार्टी नेताओं के अलावा दर्जनाधिक असंगठित मजदूर शामिल थे. प्रदर्शन के बाद उपायुक्त से मिलकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2018 4:11 AM
गिरिडीह : गिरिडीह कोलियरी के असंगठित मजदूरों के हक को लेकर झामुमो-झाकोमयू ने सोमवार को डीसी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. इस दौरान भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गयी. इससे पूर्व पार्टी कार्यालय से एक जुलूस निकाला गया. जिसमें पार्टी नेताओं के अलावा दर्जनाधिक असंगठित मजदूर शामिल थे. प्रदर्शन के बाद उपायुक्त से मिलकर उन्हें चार सूत्री एक मांग पत्र सौंपा गया.
रोड सेल चालू करने के लिए हो पहल : सुदिव्य : झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि रोड सेल बंद होने से असंगठित मजदूरों को आर्थिक तंगी के दौर से गुजरना पड़ रहा है. गिरिडीह कोलियरी से लघु उद्योगों, किसानों एवं आम उपभोक्ताओं को कोयला आपूर्ति बंद है. रोड सेल में कार्यरत डेढ़ से दो हजार मजदूर बेरोजगार हो गये हैं.
सीटीओ का बहाना कर रोड सेल को बंद रखा गया है. जबकि रेल डिस्पैच जारी है. उन्होंने कहा कि जिला खनन विभाग पक्षपातपूर्ण रवैया अख्तियार कर रखा है. उपायुक्त से मांग किया कि वे सीसीएल प्रबंधन को रोड सेल चालू करने के लिए आवश्यक पहल करने को लिखा जाये. साथ ही खनन विभाग के अधिकारी को माइनिंग चालान निर्गत करने का आदेश दिया जाये. अगर रोड सेल चालू नहीं हुआ तो कोलियरी में उग्र आंदोलन किया जायेगा. श्री सोनू ने बताया कि वार्ता के दौरान उपायुक्त ने उचित पहल करने का भरोसा दिया है.
असंगठित मजदूरों के साथ हो रहा पक्षपातपूर्ण व्यवहार : जयनाथ : झाकोमयू केंद्रीय कमेटी के संयुक्त सचिव जयनाथ राणा ने कहा कि गिरिडीह कोलियरी समेत जिले के विभिन्न उद्योगों में कार्यरत असंगठित मजदूरों को न तो कोई सामाजिक सुरक्षा मिल रही है और न ही सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी. जीवन के आखिरी पड़ाव में उन्हें बेसहारा छोड़ दिया जाता है.
इस गंभीर समस्या पर श्रम विभाग से सर्वे कराकर इसके निदान के लिए प्रशासन व सरकार को पहल करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि गिरिडीह कोलियरी में कार्यरत रोड डिस्पैच के सैकड़ों मजदूर इसका जीता जागता उदाहरण है. श्री राणा ने कहा कि पर्यावरण क्लियरेंस नहीं मिलने के कारण एक वर्ष से गिरिडीह परियोजना के कबरीबाद माइंस से कोयले का उत्पादन व डिस्पैच ठप रखा गया है. इससे असंगठित मजदूर बेरोजगार हो गये हैं. 150 वर्षों की पुरानी कोलियरी आज बंदी की कगार पर है.
इधर एक माह से उत्पादन शुरू है. रेल द्वारा कोयला भेजा जा रहा है. इसमें जिला खनन विभाग को कोई आपत्ति नहीं है. मगर कुल उत्पादन का 20 फीसद लघु उद्योगों, किसानों व आम उपभोक्ताओं को रोड से कोयला आपूर्ति पर माइनिंग चालान नहीं देकर स्थिति को भयावह बना दिया गया है.
उन्होंने डीसी से सीसीएल प्रबंधन व खनन विभाग के इस पक्षपातपूर्ण रवैये के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है.
ये थे मौजूद : मौके पर तेजलाल मंडल, अजीत कुमार पप्पू, कोलेश्वर सोरेन, महेश यादव, प्रमिला मेहरा, संतन तिवारी, कैला गोप, किशोर राम, विनोद यादव, प्रकाश यादव, नारायण गोप, सितिया, उर्मिला देवी, मो. अमजद, गुणो मांझी, गोपाल शर्मा, मो. सोनू, हरि राम, महादेव मंडल, नरसिंग, हुरो मरीक, मोती कोल, मो. वाहिद समेत कई लोग उपस्थित थे.

Next Article

Exit mobile version