नक्सली हमला में गिरिडीह के लाल समेत चार जवान शहीद
गिरिडीह : छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित कांकेर जिले के पखांजूर में गुरुवार को पूर्वाह्न करीब 11.15 बजे नक्सली हमले में गिरिडीह के लाल इसरार खान शहीद हो गये. घटना में एएसआइ समेत चार बीएसएफ जवान शहीद हुए हैं. सड़क निर्माण कार्य की सुरक्षा में लगे बीएसएफ जवानों पर नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग की. घटना […]
गिरिडीह : छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित कांकेर जिले के पखांजूर में गुरुवार को पूर्वाह्न करीब 11.15 बजे नक्सली हमले में गिरिडीह के लाल इसरार खान शहीद हो गये. घटना में एएसआइ समेत चार बीएसएफ जवान शहीद हुए हैं. सड़क निर्माण कार्य की सुरक्षा में लगे बीएसएफ जवानों पर नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग की.
घटना में असिस्टेंट कमांडेंट गोपू कुमार और इंस्पेक्टर गोपाल रंग जख्मी हो गये. उन्हें हेलिकाॅप्टर से रायपुर ले जाया गया. कांकेर के पखांजूर थाना क्षेत्र में परतापुर से कोयलीबेड़ा तक सड़क निर्माण कार्य चल रहा है. कार्य करा रही कंपनी व कर्मियों की सुरक्षा में बीएसएफ की 114वीं बटालियन तैनात गयी है.
गुरुवार को बीएसएफ का दस्ता पार्टी मोहला के जंगल में पहुुंचा था. इस दौरान ‘यू’ शेप में बैठे नक्सलियों ने हमला बोल दिया. हमले के वक्त एएसआइ बिपुल बोरा के साथ इसरार खान आगे-आगे चल रहे थे. पहले बिपुल बोरा और इसरार खान को गोली लगी.
उनके ठीक पीछे सीलम रामकृष्णन और तुमेश्वर थे. उन्हें भी गोली लगी. चारों मौके पर ही शहीद हो गये. इसरार देवरी थाना क्षेत्र के खोरोडीह के रहनेवाले थे.
सूखे पत्ते को बना रखा था लिबास : हमले के लिए नक्सलियों ने पूरी योजना तैयार कर रखी थी. बीएसएफ जवानों को झांसा देने के लिए सूखे पत्तों को लिबास का शक्ल दे दिया था. पत्ते पूरे शरीर पर लपटे रखे थे. माहला का इलाका जंगलों से घिरा है. पतझड़ की वजह से पूरे इलाके में बड़े-बड़े पेड़ों से गिरे पत्तों का ढेर लगा जाता है. नक्सलियों ने जवानों को निशाना बनाने के लिए सूखे पत्तों को धागों से गूंथ कर कपड़े का शक्ल दे दिया था, ताकि पेड़ के नीचे और पीछे छुपे होने का अहसास जवानों को नहीं हो सके.
दस्ते में कई महिला नक्सली और पुरुष बीएसएफ की ड्रेस में थे. ऐसे में बैकअप पार्टी को नक्सली और जवानों को पहचानने में काफी दिक्कतें आयीं. घटना के बाद मौके पर पहुंचे कांकेर के एसपी केएल ध्रुव ने प्रभात खबर को बताया कि अभी भी घटनास्थल के आसपास हथियार बिखरे पड़े हैं. कई जिंदा बम भी हैं. नक्सलियों ने जवानों पर तीर बम का भी इस्तेमाल किया. पुलिस को भारी संख्या में पेट्रोल बम मिले हैं. पुलिस के अनुसार, राॅकेट लांचर का भी इस्तेमाल नक्सलियों ने जवानों पर किया.
ये जवान हुए शहीद
इसरार खान, आरक्षक, खोरोडीह, थाना देवरी, जिला गिरिडीह
बिपुल बोरा, एएसआइ, गौरीसागर, जिला शिवसागर, असम
सीलम रामकृष्णन, आरक्षक, रामचंद्रपुर, गोदावरी, आंध्रप्रदेश
तुमेश्वर, खुर्सीटिकुल, डोंगरगांव, राजनांदगांव