गैर इरादतन हत्या में एक को 10 वर्ष की सजा

गिरिडीह : जिला व सत्र न्यायाधीश (प्रथम) रामबाबू गुप्ता की अदालत ने गैर इरादतन हत्या मामले में मंगलवार को डाॅ जयंतनाथ अधिकारी को दस वर्ष की सजा सुनायी है. 10 हजार रुपये का जुर्माना भी किया है. जुर्माना की रकम नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. यह मामला गावां थाना अंतर्गत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2019 6:29 AM

गिरिडीह : जिला व सत्र न्यायाधीश (प्रथम) रामबाबू गुप्ता की अदालत ने गैर इरादतन हत्या मामले में मंगलवार को डाॅ जयंतनाथ अधिकारी को दस वर्ष की सजा सुनायी है. 10 हजार रुपये का जुर्माना भी किया है. जुर्माना की रकम नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. यह मामला गावां थाना अंतर्गत माल्डा गांव का है.

29.08.2010 को सूचक प्रमोद कुमार के बयान पर गावां थाना में कांड संख्या 72/10 के तहत मामला दर्ज किया गया था. मामले में सूचक ने कहा कि उस दिन बीमार रहने पर उसके पिता शिवनंदन साह माल्डा स्थित डॉ जयंतनाथ अधिकारी के क्लिनिक में इलाज कराने के लिए पहुंचे थे.

उक्त चिकित्सक माल्डा गांव में रहकर क्लिनिक चलाता है, जबकि वह पश्चिम बंगाल अंतर्गत मालदह जिला के बाभन टोला थाना अंतर्गत बोलकीमरीह नामक गांव का निवासी है. उक्त चिकित्सक अपने क्लिनिक में रोगियों का इलाज भी करता था. इलाज कराने के लिए उसके पिता शिवनंदन साह वहां पहुंचे तब डॉ जयंतनाथ अधिकारी ने उन्हें एक सूई भी दी.

सूई देने के चार-पांच घंटे के बाद उसके पिता की मौत हो गयी. सूचक प्रमोद कुमार ने दावा किया कि उक्त चिकित्सक एक झोला छाप डॉक्टर है और क्लिनिक चलाने के लिए उसके पास लाइसेंस भी नहीं है. इलाज के दौरान गलत सूई देने से उसके पिता की मौत हो गयी. इस घटना के बाद गावां थाना पुलिस ने डॉ जयंतनाथ अधिकारी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट प्रस्तुत की.

सत्रवाद संख्या 135/11 में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक अजय कुमार साह ने अदालत में पुलिस अधिकारी, चिकित्सक समेत 12 गवाहों के बयान का परीक्षण कराया, जबकि बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र देव व प्रमोद कुमार राय ने अपने दलीलें रखीं. दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद अदालत ने धारा 304 भादवि में डाॅ जयंतनाथ अधिकारी को दोषी पाया. सजा सुनाये जाने के बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रमोद कुमार राय ने कहा कि वह अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं, इस फैसले के विरुद्ध उच्च न्यायालय में अपील दायर करेंगे.

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