18 साल तक राज किया, अब 40 साल से इस सीट के लिए तरस रही कांग्रेस, जानें जमुआ विधानसभा क्षेत्र का लेखा-जोखा

राकेश सिन्हा 287273 पुरुष वोटर 153074 महिला वोटर 134199 गिरिडीह : जमुआ विधानसभा क्षेत्र में 1962 के बाद लगभग 18 वर्षों तक कांग्रेस का दबदबा रहा. इस सीट पर 1967, 1969 और 1980 में कांग्रेस की जीत हुई. 1969 में जीतने के बाद कांग्रेस के सदानंद प्रसाद बिहार सरकार में राज्य मंत्री रहे. उन दिनों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2019 7:15 AM
राकेश सिन्हा
287273
पुरुष वोटर
153074
महिला वोटर
134199
गिरिडीह : जमुआ विधानसभा क्षेत्र में 1962 के बाद लगभग 18 वर्षों तक कांग्रेस का दबदबा रहा. इस सीट पर 1967, 1969 और 1980 में कांग्रेस की जीत हुई. 1969 में जीतने के बाद कांग्रेस के सदानंद प्रसाद बिहार सरकार में राज्य मंत्री रहे. उन दिनों इलाके में कई विकास के कार्य भी किये गये. इसके बाद 1972 और 1977 के चुनाव में लगातार कांग्रेस की हार हुई.
पुन: 1980 में कांग्रेस के तानेश्वर आजाद ने इस सीट पर कब्जा जमाया, लेकिन 1980 के बाद इस क्षेत्र में कांग्रेस की पकड़ धीरे-धीरे कमजोर होती चली गयी. 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद चले सहानुभूति लहर का भी लाभ 1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस सीट पर नहीं उठ सकी और यह सीट कांग्रेस से सीपीआइएमएल (भाकपा माले) के प्रत्याशी बलदेव हाजरा ने झटक ली. 1980 के बाद कांग्रेस का खाता भी इस सीट पर नहीं खुल सका.
1985 में कांग्रेस का दूसरा स्थान, 1990 में तीसरा स्थान, 1995 के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी सुकर पासी को चौथा स्थान आया और 2000 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को तीसरा स्थान मिला. जबकि 2005, 2009 और 2014 में कांग्रेस ने इस सीट पर अपना प्रत्याशी ही नहीं उतारा और सहयोगी दल को अपना समर्थन दे दिया. इस बार भाजपा ने केदार हाजरा को अपना प्रत्याशी बनाया है.
तीन महत्वपूर्ण कार्य जो हुए
1. आठ बड़े पुलों के निर्माण हुआ
2. आश्रम विद्यालय की स्थापना की गयी
3. पावर ग्रिड व सात पावर सब स्टेशन
तीन महत्वपूर्ण कार्य जो नहीं हुए
1. जमुआ में नहीं बन सका डिग्री कॉलेज
2. अनुमंडल का दर्जा नहीं मिला
3. नहीं सुधरी रेफरल अस्पताल की हालत
समस्याएं खत्म हुई : केदार
विधायक केदार हाजरा ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में कई समस्याओं का समाधान करने में सफलता मिली है. बिजली और पानी में काफी सुधार हुए हैं. अब 18-18 घंटे बिजली मिल रही है. एक ग्रामीण जलापूर्ति योजना बन कर तैयार है. दो अन्य की स्वीकृति मिल चुकी है.
राशि की हुई लूट : सत्यनारायण
दूसरे स्थान पर रहे झाविमो के सत्यनारायण दास ने कहा कि पिछला पांच वर्ष जमुआ के लिए कलंकित कार्यकाल है. इस दौर में विधायक के भाई-भतीजावाद का दौर चला. विधायक के इर्द-गिर्द बिचौलिए घूमते रहे और राशि की लूट होती रही.
2005
जीते : केदार हाजरा, भाजपा
प्राप्त मत : 49336
हारे : चंद्रिका महथा, झामुमो
प्राप्त मत : 44202
तीसरा स्थान : सत्यनारायण दास, माले
प्राप्त मत : 26450
2009
जीते : चंद्रिका महथा, झाविमो
प्राप्त मत : 42824
हारे :सत्यनारायण दास, माले
प्राप्त मत : 24297
तीसरा स्थान : केदार हाजरा, भाजपा
प्राप्त मत : 19439
2014
जीते : केदार हाजरा, भाजपा
प्राप्त मत : 56027
हारी : सत्यानाराण दास, झाविमो
प्राप्त मत : 32927
तीसरा स्थान : बलदेव हाजरा,राजद
प्राप्त मत : 23999

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