डेढ़ सौ करोड़ का व्यवसाय प्रभावित
गिरिडीह : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर गिरिडीह में राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मी शुक्रवार को पहले दिन हड़ताल पर उतरे. बैंकों में ताले लटके रहे और बैंकिंग कार्य पूरी तरह से ठप रहा. चेक समाशोधन का कार्य भी बंद रहा. अपनी मांगों के समर्थन में बैंक कर्मियों ने शाखाओं के समक्ष प्रदर्शन […]
गिरिडीह : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर गिरिडीह में राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मी शुक्रवार को पहले दिन हड़ताल पर उतरे. बैंकों में ताले लटके रहे और बैंकिंग कार्य पूरी तरह से ठप रहा.
चेक समाशोधन का कार्य भी बंद रहा. अपनी मांगों के समर्थन में बैंक कर्मियों ने शाखाओं के समक्ष प्रदर्शन कर नारेबाजी भी की. यूनियन के अध्यक्ष अशोक कुमार चौरसिया ने दावा किया कि राष्ट्रव्यापी हड़ताल के पहले दिन डेढ़ सौ करोड़ का व्यवसाय प्रभावित रहा.
हड़ताल को सफल करने के लिए यूनियन के पदाधिकारी सुबह से ही मुस्तैद रहे. जिला संयोजक दिलीप कुमार, सह संयोजक अनुपम कुमार, उदय सिंह, देवराज आनंद, पवन, पंकज देव, वरीय संरक्षक मुकेश कुमार समेत सैकड़ों बैंक अधिकारी व कर्मी एक्सिस बैंक के समक्ष जुटे और सभा की. सभा में विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों ने भी अपनी मांगें बुलंद की. बताया कि सरकारी बैंकों के करीब दस लाख से अधिक अधिकारी व कर्मियों का ग्यारहवां वेतन समझौता नवंबर 2017 से लंबित है.
बताया कि एक फरवरी को भी बैंक कर्मी हड़ताल पर रहेंगे और इसके बाद भी उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो 11 से 13 मार्च तक तीन दिनों की हड़ताल की जाएगी. कहा कि सम्मानजनक वेतन समझौता लागू करने, पांच दिवसीय बैंकिंग कार्य, मूल वेतन के साथ विशेष भत्ता का विलय, नयी पेंशन योजना को खत्म करने व पुरानी पेंशन का अपडेशन करने, पारिवारिक पेंशन में वृद्धि करने, दैनिक वेतनभोगी मजदूर व व्यवसाय प्रतिनिधियों को समान कार्य हेतु समान वेतन देने की मांग को लेकर यह हड़ताल की गयी है.
मौके पर अभिषेक सिन्हा, रामलला झा, अभिषेक बैद्य, राजेंद्र शर्मा, बेंजामिन मुर्मू, गौतम कुमार, रामविलास, देवराज आनंद, विजय सिंह, गंगू महतो, कुमार अभिषेक, सुजाता शिखा, नकुल रजक, शबनम परवीण आनंद पाठक आदि मौजूद थे.
बैंको में लटके रहे ताले ग्राहक हुए परेशान
बगोदर. बैंकों की हड़ताल का असर बगोदर में भी देखने को मिला. शुक्रवार को बगोदर के एसबीआइ, यूनियन बैंक शाखा समेत अन्य बैंक भी बंद रहे. इससे बैंक ग्राहक को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. वहीं कई बैंक ग्राहकों को बैंक बंद होने की कोई सूचना नहीं मिलने के कारण बैंक खुलने की अवधि तक परेशान दिखे.