पाठ वाचिका द्वारा राणी सती दादीजी की सम्पूर्ण जीवनी का मंचन नृत्य नाटिका द्वारा दिखाया गया. 401 महिलाओं द्वारा संयुक्त रूप से मंगल पाठ किया गया. कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण नृत्य नाटिका, चुनरी उत्सव, मेहंदी उत्सव, दादी का श्रृंगार एवं लाटरी द्वारा दादी का खजाना 31 भक्तों को दिया गया. भक्तों द्वारा दादी को छप्पन भोग, बुंदिया, खीर पुडा एवं फल की सवामणी का भोग अर्पण किया गया. राजेश जालान के द्वारा ज्योत जगाई गयी. इस कार्यक्रम में गिरिडीह के सभी गणमान्य जन एवं संस्था के सदस्य मौजूद थे. कार्यक्रम को सफल बनाने में दिलीप बगड़िया, पीयूष मुसद्दी, अनिल अग्रवाल, विशाल पिलानिया, सूरज टिबरेवाल, राहुल बसईवाला, आकाश दधीच, चंद्र प्रकाश अग्रवाल, रवि डालमिया, अतुल शर्मा, परवाल छापरिया, सचिन केडिया, ऋषभ छापरिया, रितेश मोदी, किशोर अग्रवाल, सोनू जालान, आलोक जैन, चिराग जैन, अजय बगड़िया, ऋषभ बगड़िया, रवि अग्रवाल, सुमित भूदोलिया, विपुल बसईवाला, सुभम पिलानिया, विकाश जालान आदि मौजूद थे.
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