बालू उठाव से क्षतिग्रस्त हो चुकी बुनियाद

पहाड़पुर पुल का वजूद संकट में चित्र परिचय: 8- बालू उठाव से क्षतिग्रस्त बुनियाद राजधनवार. 11-12 वर्ष पूर्व तत्कालीन सांसद तिलकधारी प्ऱ. सिंह के कोटे से लगभग 33 लाख की लागत से बनी पहाड़पुर नदी पुल का वजूद पास से ही बालू उठाव के कारण संकट में पड़ गया है. पुल के करीब ही पूरब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2014 11:04 PM

पहाड़पुर पुल का वजूद संकट में चित्र परिचय: 8- बालू उठाव से क्षतिग्रस्त बुनियाद राजधनवार. 11-12 वर्ष पूर्व तत्कालीन सांसद तिलकधारी प्ऱ. सिंह के कोटे से लगभग 33 लाख की लागत से बनी पहाड़पुर नदी पुल का वजूद पास से ही बालू उठाव के कारण संकट में पड़ गया है. पुल के करीब ही पूरब से 5-6 फीट गहराई तक हुए बालू उठाव से पुल की बुनियाद पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है. दोनों छोर का गार्डवाल भी ध्वस्त हो चुका है. हालांकि पुल के सभी पीलर व ऊपरी सतह पूरी तरह दुरुस्त है, लेकिन खोखले बुनियाद के कारण कभी भी ध्वस्त हो सकता है और बड़ी दुर्घटना का कारण भी बन सकता है. पुल की दयनीय स्थिति की जानकारी शासन-प्रशासन सभी को है. पिछले वर्ष अक्तूबर मंे जब धनवार का इरगा पुल टूटा था तो विधायक निजामुद्दीन अंसारी ने तात्कालिक डीसी डीपी लकड़ा और विभागीय अभियंताओं को स्थल पर लाकर स्थिति से अवगत कराया था. मौके पर ही उपायुक्त ने विभाग को मौखिक तौर पर जरूरी आदेश देते हुए लोगों को पुल मरम्मत कराने का भरोसा दिया था, लेकिन एक वर्ष गुजर गया, पहल नहीं होने से स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. यदि पुल टूटा तो पहाड़पुर, सापामारन, कुसम्हाइ, नोहटुंगी, दुर्जनाडीह, बोनाकोडाडीह, महुवाटांड़, बरसिंघी आदि कई गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट जायेगा. स्थानीय मुखिया सलमा खातून, सामाजिक कार्यकर्ता मकसूद आलम, नीलकंठ वर्मा, वार्ड सदस्य विजय कुशवाहा, दीपक वर्मा आदि ने जिला प्रशासन से इसकी मरम्मत की मांग की है.

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