छात्राओं को बेवजह भरना पड़ रहा परिवहन शुल्क

राजधनवार : आदर्श कॉलेज राजधनवार को लड़कियों के लिए प्राप्त बस अपनी उपयोगिता साबित करने में नाकाम साबित हो रही है. हालांकि इस कॉलेज में पढ़ रही धनवार बाजार की बच्चियों को बगैर उपयोग के प्रतिमाह एक सौ रुपये बस मेंटनेंस के नाम पर शुल्क वहन करना पड़ रहा है. खास कर गरीब छात्राओं को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:56 PM

राजधनवार : आदर्श कॉलेज राजधनवार को लड़कियों के लिए प्राप्त बस अपनी उपयोगिता साबित करने में नाकाम साबित हो रही है. हालांकि इस कॉलेज में पढ़ रही धनवार बाजार की बच्चियों को बगैर उपयोग के प्रतिमाह एक सौ रुपये बस मेंटनेंस के नाम पर शुल्क वहन करना पड़ रहा है.

खास कर गरीब छात्राओं को 12 सौ रुपये का यह वार्षिक भुगतान अखर रहा है. इस निमित्त गुरुवार को धनवार बाजार के कुछ अभिभावक गणमान्य लोगों के साथ कॉलेज पहुंच कर प्राचार्य सुशील कुमार सिंह से बात भी की.

लोगों ने सवाल किया कि विगत सत्र में बस का परिचालन मात्र डेढ़ माह हुआ है, ऐसे में 12 माह का शुल्क कहां तक उचित है. प्रचार्य ने बताया कि वर्ष 2003 में तात्कालिक विधायक डॉ रवींद्र कुमार राय ने भले ही यह बस अपने मद से कॉलेज को दी थी, लेकिन वर्तमान में यह विश्वविद्यालय की संपत्ति है.

विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित नियमों के विरुद्ध हम कुछ भी नहीं कर सकते. इसके परिचालन में चालक के तनख्वाह व डीजल सहित रख-रखाव पर खर्च आता है. यह भी कहा कि 75 प्रतिशत उपस्थिति का कॉलेज में प्रावधान भी है. बावजूद छात्राएं नियमित क्लास नहीं आती. यदि उनका आना सुनिश्चित हो जायेगा तो बस का संचालन भी नियमित किया जायेगा.

यहां सवाल यह भी उठ रहा है कि स्वीकृत इकाई 51 में इस कॉलेज में मात्र 15 व्याख्याता है. राजनीति शास्त्र, भूगोल, जंतु, विज्ञान, भूगर्भ शास्त्र आदि कई विषयों के एक भी शिक्षक नहीं है. भौतिक शास्त्र व गणित के भी एक शिक्षक ही हैं, जबकि छात्र-छात्राओं की संख्या कॉलेज में लगभग सात हजार है. ऐसे में कोर्स पूरा करने के लिए छात्रों को दूसरे शहरों में कोचिंग का सहारा लेना उनकी मजबूरी है.

प्राचार्य ने बताया कि सारे वस्तु स्थिति से विश्वविद्यालय को अवगत कराया जाता रहा है. धनवार के प्रबुद्ध नागरिक मुकेश प्रसाद साहा, शिवनंदन प्रसाद, शंभु बर्णवाल आदि ने कुलपति महादेय से विद्यार्थियों के हित में शिक्षकों की समस्या समाधान का अनुरोध किया है. लोगों ने यहां छात्र-छात्राओं के लिए पर्याप्त बेंच-डेस्क मुहैया कराने की भी मांग की है.

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