गिरिडीह : 2019 में जिले में 3135 यक्ष्मा रोगियों की पहचान की गयी है. यह संख्या जनवरी से 31 दिसंबर 2019 तक के सरकारी आंकडों में दर्ज है. जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डाॅ अरविंद कुमार ने बताया कि फिलहाल प्राइवेट नर्सिंग होम के माध्यम से भी टीबी मरीजों को तलाशा जा रहा है और उन्हें दवा उपलब्ध करायी जा रही है. इनमें सरकारी संस्थानों में इलाजरत रोगियों की संख्या 2514 तथा प्राइवेट नर्सिंग होम में यह संख्या 621 है. मुख्यालय को छोड दें तो प्रखंडों में यक्ष्मा से पीड़ित लोगों की सर्वाधिक संख्या बिरनी व धनवार में है. बिरनी में सर्वाधिक 261 व धनवार में 258 लोग इस रोग से पीड़ित हैं.
वहीं बगोदर में 141, बेंगाबाद में 54, देवरी में 118, डुमरी में 123, गांडेय में 151, गांवा में 58, जमुआ में 182, सरिया में 30 व तिसरी में 73 यक्ष्मा पीडितों की संख्या है. डाॅ कुमार ने बताया कि उक्त प्रखंडों के अलावा जिला यक्ष्मा केंद्र में 936 रोगियों का इलाज किया जा रहा है. जिला यक्ष्मा केंद्र में विभिन्न प्रखंडों से भी टीबी पीड़ित इलाज के लिए आते हैं. सरकारी संस्थानों के अलावा 621 टीबी पीड़ितों का इलाज प्राइवेट नर्सिंग होम में किया जा रहा है. इनमें बेंगाबाद में पां, सदर प्रखंड में 597, जमुआ में 13 तथा धनवार में 6 लोग शामिल हैं.
रोगी को नि:शुल्क दवा के साथ पौष्टिक आहार का प्रावाधान : जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डाॅ अरविंद कुमार ने बताया कि टीबी रोग उन्मूलन के लिए सरकार मरीजों को मुफ्त दवा के साथ प्रतिमाह 500 रुपये पौष्टिक आहार के लिए दे रही. यह राशि पीड़ित के खाते में सीधे डाली जा रही है. कोई भी व्यक्ति यदि एक टीबी रोगी की खोज करता है तो उसे 200 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. कहा कि यदि किसी के आसपास मोहल्ले या टोले में कोई टीबी रोगी हो तो उसकी जानकारी जिला यक्ष्मा केंद्र में अवश्य दें.