नहीं थम रहा है सड़क हादसों का सिलसिला

– अमरनाथ सिन्हा – गिरिडीह : गिरिडीह जिले में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सप्ताह में शायद ही ऐसा कोई दिन होता है जब सड़क दुर्घटना की घटना न हो. प्रत्येक दिन कहीं न कहीं दुर्घटना होते रहती है. इसमें अधिकतर लोगों की जान भी चली जाती है. पिछले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 28, 2013 2:52 AM

– अमरनाथ सिन्हा –

गिरिडीह : गिरिडीह जिले में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सप्ताह में शायद ही ऐसा कोई दिन होता है जब सड़क दुर्घटना की घटना हो. प्रत्येक दिन कहीं कहीं दुर्घटना होते रहती है.

इसमें अधिकतर लोगों की जान भी चली जाती है. पिछले एक सप्ताह की बात करें तो 20 अगस्त से 26 अगस्त तक दस लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई है. वहीं एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं. 20 अगस्त को जमुआ में हुए सड़क दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गयी थी. वहीं 24 अगस्त को गांडेय में एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी.

साथ ही डुमरी में तीन लोग घायल हो गये थे. इसी तरह 25 अगस्त को बगोदर, गावां जमुआ में हुए सड़क दुर्घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गयी थी. जबकि 26 अगस्त को एक छात्र समेत तीन लोगों की मौत हो गयी.

इसी दिन निमियाघाट थाना इलाके में हुए सड़क हादसे में पांच लोग घायल हो गये. लोगों का कहना है कि ज्यादातर हादसों का कारण तेज रफ्तार और लापरवाही है. वहीं सड़कों के जजर्र हो जाने से भी दुर्घटनाएं हो रही है.

एनएच टू पर अधिकतर होती हैं घटनाएं : जिले में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं नेशनल हाइवेटू (जीटी रोड) पर घटती है. पथ के फोर लेन होने के बाद निमियाघाट, डुमरी और बगोदर थाना इलाके में रोजाना दुर्घटनाएं हो रही है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क के चौड़ीकरण होने से वाहन चालक काफी रफ्तार से गाड़ी हांकते है. वाहन की रफ्तार तेज होने से चालक कभीकभी अपना संतुलन खो देते है. जिससे वे दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते है.

इसी तरह डुमरीनिमियाघाट थाना इलाके के सीमराडीह बाइपास, बेसिक स्कूल बाइपास और रांगामाटी बाइपास को डेंजर जोन माना जाता है. बताया जाता है कि सीमराडीह मोड़ बाइपास के पास सड़क घुमावदार होने से वाहन चालकों का संतुलन बिगड़ जाता है. इसी तरह बेसिक स्कूल के पास एनएचटू पर डिवाइडर नहीं होने कारण हादसे होते हैं.

वहीं रांगामाटी के पास भी सड़क घुमावदार है.

जीटी रोड़ में पासिंग करानेवाले और मोबाइल दारोगा के बीच लुकाछिपी का खेल चलता है. इस खेल में ओवर लोडेड वाहन को मोबाइल दारोगा से बचाने के लिए कुछ लोग पासिंग करते हैं. पासिंग करनेवाले लोगों के द्वारा इशारा मिलते ही ट्रक चालक अपनी वाहन की रफ्तार को बढ़ा देते हैं. जिससे कभीकभी दुर्घटनाएं भी हो जाती है.

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