लोक अदालत से पैसे की होती है बचत : अनुज
गिरिडीह : व्यवहार न्यायालय प्रांगण में शनिवार को मासिक लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत को सुचारु रूप से चलाने के लिए छह पीठों का गठन किया गया था. कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश संदीप श्रीवास्तव की पीठ से भरण–पोषण के तीन मामले निष्पादित किये गये. वहीं जिला जज प्रथम चंद्रेश कुमार की […]
गिरिडीह : व्यवहार न्यायालय प्रांगण में शनिवार को मासिक लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत को सुचारु रूप से चलाने के लिए छह पीठों का गठन किया गया था. कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश संदीप श्रीवास्तव की पीठ से भरण–पोषण के तीन मामले निष्पादित किये गये.
वहीं जिला जज प्रथम चंद्रेश कुमार की बेंच से तीन दीवानी वाद का निष्पादन किया गया. विजय कुमार नंबर टू की पीठ से 27 वादों का निष्पादन किया गया. जिसमें सात वाद वनवाद से था. जिसमें 43475 रुपये की राजस्व की वसूली की गयी. इसके अलावा दस वाद फाइनल फोरम तथा दस वाद धारा 107 से था.
अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी शत्रुंजय कुमार सिंह की बेंच से 24 वादों का निष्पादन किया गया. जिसमें 21 बिजली और तीन उत्पाद वाद से संबंधित था. उत्पाद वाद में 21 हजार रुपये राजस्व की वसूली की गयी.
न्यायिक दंडाधिकारी राजश्री अपर्णा कुजूर की बेंच से बैंक के 12 प्रस्तावित वाद का निष्पादन हुआ. जिसमें 61 हजार रुपये की राजस्व की वसूली की गयी. लोक अदालत को संबोधित करते हुए जिला विधिक सेवाएं प्राधिकार के सचिव अनुज कुमार ने कहा कि न्यायालय के ऊपर बढ़ते हुए मुकदमे की बोझ को कम करने का सबसे सस्ता व सुलभ उपाय लोक अदालत द्वारा मामले को निष्पादन किया जाना है.
जिन लोगों का वाद या प्रस्तावित वाद का निष्पादन किसी वजह से शनिवार को नहीं हो सका है, वे 28 सिंतबर को होने वाले लोक अदालत में पुन: आवेदन दे सकते हैं. लोक अदालत को सफल बनाने में अधिवक्ता उर्मिला शर्मा, राजीव कुमार सिन्हा, बबन देव, तारणी झा की भूमिका सराहनीय रही.