12 वर्षो में जजर्र हो चुका है झारखंड
गिरिडीह पहुंचे पशुपालन मंत्री, कहा गिरिडीह : झारखंड के पशुपालन मंत्री मन्नान मल्लिक ने कहा कि 12 वर्षो में झारखंड जजर्र हो चुका है. 12 साल के जंग को तुरंत हटाया नहीं जा सकता. झारखंड को सुधारने व संवारने में समय लगेगा ही. उन्होंने कहा कि बिगड़ी कार्य संस्कृति में बदलाव जरूरी है. झारखंड अलग […]
गिरिडीह पहुंचे पशुपालन मंत्री, कहा
गिरिडीह : झारखंड के पशुपालन मंत्री मन्नान मल्लिक ने कहा कि 12 वर्षो में झारखंड जजर्र हो चुका है. 12 साल के जंग को तुरंत हटाया नहीं जा सकता. झारखंड को सुधारने व संवारने में समय लगेगा ही. उन्होंने कहा कि बिगड़ी कार्य संस्कृति में बदलाव जरूरी है.
झारखंड अलग होने के बाद जिन लोगों ने शासन किया, उसने कार्य संस्कृति को दुरुस्त करने का प्रयास नहीं किया. स्थिति यह है कि अधिकारी काम नहीं करना चाहते. बैठक कर सिर्फ वेतन लेना चाहते हैं. श्री मल्लिक मंगलवार प्रात: लगभग 10:30 बजे गिरिडीह दौरे पर पहुंचे थे.
उन्होंने सबसे पहले गिरिडीह दुग्ध शीतक केंद्र का निरीक्षण किया. गिरिडीह परिसदन में बातचीत करते हुए श्री मल्लिक ने कहा कि कांग्रेस ही राज्य को सही दिशा में ले जा सकती है. कहा कि झारखंड में विभिन्न विभागों में कर्मियों की भारी कमी है. उन्होंने कहा कि अधिकारी सचेत हो जाय, क्योंकि उनसे काम कैसे लिया जाना है यह कांग्रेसजनों को पता है.
पशुपालन विभाग की चर्चा करते हुए मंत्री ने कहा कि वह इंफ्रास्ट्रर को दुरुस्त करने में लगे हुए हैं. पशुपालन विभाग में डॉक्टरों की कमी को भी शीघ्र दूर किया जायेगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मोदी लहर सिर्फ चरचे की बात है. ऐसी लहर कांग्रेस ने कई बार देखी है और झेली है.
गिरिडीह पहुंचने पर मंत्री श्री मल्लिक का कांग्रेसियों ने गिरिडीह परिसदन में स्वागत किया. मौके पर जिला अध्यक्ष एनपी सिंह बुल्लू, नप अध्यक्ष दिनेश यादव, कमल नयन सिंह, रविकांत सिंह, सुकर पासी, धनंजय सिंह, शहनवाज अंसारी आदि मौजूद थे.
मैं भी गांधी के रास्ते पर हूं
गिरिडीह. मंत्री मन्नान मल्लिक ने कहा कि उन्हें सुरक्षा की जरूरत नहीं थी. इसलिए उन्होंने स्कॉट को वापस कर दिया. उन्होंने कहा कि गांधी जी देश के लिए काम कर रहे थे. उन्हें सुरक्षा की जरूरत नहीं पड़ी. वे बिना सुरक्षा के ही रहे. मैं भी गांधी के रास्ते पर चलना चाहता हूं और चल रहा हूं.
कहा कि अपने ऊपर भरोसा है. सुरक्षा और स्कॉट सिर्फ तामझाम का प्रतीक है. जब उनसे पूछा गया कि झारखंड के मंत्रियों को क्या तामझाम वापस कर देना चाहिए तो उनका जवाब था कि वो भी ऐसा करें तो अच्छा होगा.