स्थानीय लोगों को नहीं मिला अलग झारखंड का लाभ
– राकेश सिन्हा –
गिरिडीह : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व जेवीएम के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बिहार के फॉमरूले पर ही झारखंड में स्थानीयता परिभाषित हो और उसे लागू किया जाय. उन्होंने कहा कि उनकी डोमिसाइल नीति को राजनीतिक दलों ने गलत ढंग से लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया.
बिहार में स्थानीयता को लेकर 1982 और 1986 में ही नियम बनाये गये थे और उसमें स्थानीय लोगों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरियों में बहाली की बात कही गयी है. इसी नियम को वे झारखंड में भी लागू करने की बात करते रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अलग झारखंड राज्य बना, लेकिन इसका लाभ अभी तक स्थानीय लोगों को नहीं मिल पाया है. झारखंड में कई औद्योगिक इकाइयां हैं, जहां मजदूर भी बाहर के हैं. कहा कि तकनीकी पदों पर नहीं बहाल करने के तर्क को समझा जा सकता है, परंतु स्थानीय स्तर पर मजदूरों को भी न रखना झारखंड के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि तृतीय व चतुर्थ वर्ग के पदों पर स्थानीय लोगों की बहाली सुनिश्चित की जानी चाहिए. श्री मरांडी गिरिडीह में अपने आवास पर प्रभात खबर से बातचीत कर रहे थे. श्री मरांडी ने स्थानीयता को स्पष्ट करते हुए कहा कि जिन लोगों के पूर्वजों का नाम खतियान में दर्ज है, वे ही स्थानीय हैं. ऐसे लोगों को नौकरियों में प्राथमिकता मिलनी चाहिए, तभी झारखंड के लोगों के साथ न्याय हो पायेगा. उन्होंने कहा कि झारखंड में लगभग सभी पार्टियां शासन कर चुकी है, लेकिन स्थानीयता को लेकर अब तक राज्य में कोई नीति नहीं बनी.
मुंडा के शासन में 3765 करोड़ का काम बिना टेंडर के हुआ
श्री मरांडी ने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद सभी के शासनकाल में घोटाले हुए हैं, लेकिन जो पकड़ा गया उसे ही चोर करार दिया गया. अजरुन मुंडा के शासनकाल में आदित्यपुर कांड्रा पथ निर्माण में 113 किमी के पथ के लिए 3765 करोड़ का काम बिना टेंडर के कराया गया. अब तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई.
कांग्रेस कहती है कि वह 13 साल में पहली बार सत्ता में आयी और झारखंड को सुधार देगी, लेकिन मधु कोड़ा के शासनकाल में कांग्रेस ने अप्रत्यक्ष रूप से शासन चलाया. उस काल को भी सभी ने देखा है. उन्होंने कहा कि इस सरकार का रहना झारखंड के लिए ठीक नहीं है.
राहुल और मोदी एक ही सिक्केके दो पहलू
मोदी के प्रधानमंत्री बनाने की भाजपा की घोषणा पर पूछे गये सवाल के जवाब में श्री मरांडी ने कहा कि राहुल और मोदी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. इनकी विचार धाराएं एक है. सिर्फ एक दूसरे के लिए मुद्दे पैदा करते हैं और लोगों को दिग्भ्रमित करते हैं.
उन्होंने कहा कि सुब्रमन्यम स्वामी ने झारखंड के दौरे पर कहा कि कोयले को नीलाम कर दिया जाय तो देश की अर्थ व्यवस्था को सुधारा जा सकता है. केंद्र सरकार ने कोयले के नीलामी की घोषणा भी कर दी. यह सब भाजपा व कांग्रेस की अपनी कमाई का तरीका है. इन लोगों के पास झारखंड के विस्थापन व पुनर्वास पर बोलने के लिए कुछ नहीं है और न ही ऐसे लोगों के लिए कोई नीति बनाने पर विचार किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इन दोनों ही पार्टियों को यह बताना चाहिए कि उनके कोष में अचानक इतनी रकम की बढ़ोतरी कहां से हुई. श्री मरांडी ने राजनीतिक दलों के कोष की जांच की भी मांग की और कहा कि कोष में आयी राशि के स्नेतों का भी खुलासा होना चाहिए.
आगामी लोकसभा चुनाव पर बात करते हुए श्री मरांडी ने कहा कि झारखंड में एक तरफ झारखंड विकास मोरचा होगा, वहीं दूसरी तरफ सभी दल के लोग होंगे. मोदी लहर पर उन्होंने कहा कि भाजपा का वजूद संकट में है. ऐसे में इस तरह की हवा फैलायी जाती है. लेकिन इसका जवाब जनता चुनाव में ही देगी.