शिक्षक बनाने में मां की रही अहम भूमिका : प्रवीण
– प्रमोद अंबष्ट – गिरिडीह : मेरी मां शिक्षिका थी और मुझे शिक्षक बनाने में उनकी अहम भूमिका रही. साथ ही उन्हीं से प्रेरित होकर शिक्षक बना. हम बात कर रहे हैं महात्मा गांधी मध्य विद्यालय पचंबा, गिरिडीह के प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रवीण कुमार सिन्हा के बारे में. 49 वर्षीय चैनपुर डुमरी निवासी श्री सिन्हा कहते […]
– प्रमोद अंबष्ट –
गिरिडीह : मेरी मां शिक्षिका थी और मुझे शिक्षक बनाने में उनकी अहम भूमिका रही. साथ ही उन्हीं से प्रेरित होकर शिक्षक बना. हम बात कर रहे हैं महात्मा गांधी मध्य विद्यालय पचंबा, गिरिडीह के प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रवीण कुमार सिन्हा के बारे में.
49 वर्षीय चैनपुर डुमरी निवासी श्री सिन्हा कहते हैं कि शिक्षण व शोध करना मेरे जीवन का प्रमुख हिस्सा है. उन्होंने कहा कि एसएसकेबी हाई स्कूल डुमरी से 1978 में मैट्रिक, वर्ष 1980 में एसपी कॉलेज दुमका से आइएससी, 1982 में एसपी कॉलेज दुमका से बीएससी, वर्ष 1986 में भागलपुर विश्वविद्यालय से एमएससी व 1995 में अन्नामलाई विश्वविद्यालय तमिलनाडु से एमएड किया. इसके अलावा मानव संसाधन विकास व प्रबंधन में स्नातक डिप्लोमा भी किया.
सर्वप्रथम 31.05.1988 को पेटरवार प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक के रूप में योगदान दिया. वहीं 12.03.2012 को प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति हुई. वे कहते हैं कि बच्चों को पढ़ाने में न केवल खुशी मिलती है. बल्कि आत्मसंतुष्टि भी मिलती है.
बच्चे जीवन कौशल के क्षेत्र में आगे बढ़े और ईमानदारीपूर्वक अच्छा जीवन जीये. यही भगवान से कामना करता हूं. 1996 से लेकर अभी तक मैं सामाजिक गतिविधियों में बढ़–चढ .कर भाग ले रहा हूं और वर्तमान समय में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संगठन का अनुश्रवण अधिकारी भी हूं. वर्ष 2004 में झारखंड सरकार द्वारा राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए मेरा नाम भी भेजा गया था. लेकिन किसी कारणवश मुझे राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित नहीं किया गया. इसका मलाल भी है.