विस्फोट कर उड़ा दिया अग्र परियोजना केंद्र
डुमरी/इसरी बाजार : निमियाघाट थाना क्षेत्र के चैनपुर स्थित अग्र परियोजना केंद्र के तीन भवनों (निर्माणाधीन) को नक्सलियों ने गुरुवार की रात लैंड माइंस विस्फोट कर उड़ा दिया. इससे तीन मंजिला स्टॉफ क्वार्टर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, वहीं दो मंजिला प्रशासनिक भवन व एक मंजिला प्रोजेक्ट पायलट ऑफिस भवन को भी क्षति पहुंची है. […]
डुमरी/इसरी बाजार : निमियाघाट थाना क्षेत्र के चैनपुर स्थित अग्र परियोजना केंद्र के तीन भवनों (निर्माणाधीन) को नक्सलियों ने गुरुवार की रात लैंड माइंस विस्फोट कर उड़ा दिया.
इससे तीन मंजिला स्टॉफ क्वार्टर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, वहीं दो मंजिला प्रशासनिक भवन व एक मंजिला प्रोजेक्ट पायलट ऑफिस भवन को भी क्षति पहुंची है. तीनों भवनों की लागत एक करोड़ रुपये बतायी जा रही है. स्टॉफ क्वार्टर का निर्माण भवन प्रमंडल गिरिडीह और प्रशासनिक भवन तथा प्रोजेक्ट पायलट ऑफिस भवन का निर्माण ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल (गिरिडीह)की ओर से कराया जा रहा था.
विस्फोट कर उड़ा
घटना की सूचना पर शुक्रवार सुबह 8.30 बजे बजे निमियाघाट थानेदार आरके राणा व सीआरपीफ के एसिस्टेंट कमांडेंट डी यादव जवानों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और छानबीन की.
एक घंटे तक बिछाया तार और लैंड माइंस: केंद्र के भवन में सोये मजदूर व कर्मियों ने बताया कि रात लगभग 12 बजे हथियारों से लैस 40-50 वर्दीधारी नक्सली पहुंचे. सबसे पहले अग्र परियोजना के एक कमरे में सो रहे केंद्र के आदेशपाल जयंत सिन्हा को कब्जे में ले लिया. इसके बाद उसे स्टॉफ क्वार्टर के पास ले गये. जयंत से पूछा कि इस भवन में कोई व्यक्ति तो नहीं है. जब उसने बताया कि 10 मजदूर सो रहे हैं, तो नक्सली ग्रील का ताला तोड़ कर अंदर गये और सभी मजदूरों को बाहर निकाला.
लैंड माइंस विस्फोट कर
इसके बाद आदेशपाल व सभी मजदूरों को केंद्र परिसर के दूसरे हिस्से में लाकर सिर नीचे कर बैठने को कहा. एक घंटे तक नक्सलियों ने तीनों भवन में लैंड माइंस लगा कर तार बिछाया. रात करीब एक बजे नक्सलियों ने आदेशपाल व मजदूरों को कान बंद करने का आदेश दिया.
सबसे पहले स्टॉफ क्वार्टर भवन में विस्फोट किया. यह विस्फोट काफी शक्तिशाली था और इसकी आवाज करीब दो किलोमीटर तक सुनायी पड़ी. इसके बाद पायलट प्रोजक्ट भवन व प्रशासनिक भवन में विस्फोट किया. घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली करीब दो घंटे तक वहां रहे और इसके बाद जंगल की ओर निकल गये. सुबह होने पर आदेशपाल ने एक ग्रामीण के मोबाइल फोन से विभागीय अधिकारियों को घटना की जानकारी दी.
एसपी पहुंचे घटनास्थल
सूचना पर एसपी कुलदीप द्विवेदी भी घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने रात को भवन में सोये केंद्र के आदेशपाल व कर्मियों से बात की. इस दौरान सीआरपीएफ कमांडेंट इरदन एक्का, एएसपी कुणाल, डीएसपी विजय आशिष कुजूर, सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट दिनेश यादव, विक्रम प्रताप सिंह, पुलिस इंस्पेक्टर अनूप कर्मकार आदि मौजूद थे.