पाक की गीता डुमरी की कोकिया तो नहीं!

एक दशक से गायब है राजाटांड़ निवासी भुल्लो महतो की मूक-बधिर बेटी अमरनाथ/सतीश/शशि डुमरी/इसरी बाजार :पाकिस्तान में पिछले एक दशक से रह रही गीता को वापस भारत लाने के लिए विदेश मंत्रालय सक्रिय हो चुका है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी गीता को मदद पहुंचाने का वादा की हैं. इस बीच प्रभात खबर ने डुमरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2015 2:00 AM
एक दशक से गायब है राजाटांड़ निवासी भुल्लो महतो की मूक-बधिर बेटी
अमरनाथ/सतीश/शशि डुमरी/इसरी बाजार :पाकिस्तान में पिछले एक दशक से रह रही गीता को वापस भारत लाने के लिए विदेश मंत्रालय सक्रिय हो चुका है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी गीता को मदद पहुंचाने का वादा की हैं. इस बीच प्रभात खबर ने डुमरी प्रखंड से सटे राजाटांड़ गांव में एक ऐसे परिवार को ढूंढ़ निकाला है जिसकी बेटी भी लगभग एक दशक पूर्व से लापता है.
भुल्लो महतो और बचनी देवी की लापता बेटी भी मूक-बधिर थी और अब उसकी उम्र लगभग 23 वर्ष हो चुकी होगी. बुधवार की दोपहर प्रभात खबर की टीम बोकारो के नावाडीह प्रखंड के राजाटांड़ (भेंडरा) निवासी भुल्लो महतो के घर पहुंची, तो परिवार वाले बेटी के बारे में जानने को बेचैन हो उठे. प्रभात खबर ने गीता की तसवीर जब भुल्लो की पत्नी बचनी को दिखायी तो वह काफी देर तक गौर से उसे देखती रही. तसवीर देखने के बाद बचनी देवी ने कहा कि इ कोकिया जैसन लागे हो.
बचनी ने गीता की तसवीर अपनी दूसरी बेटी के अलावा रिश्तेदारों व पड़ोसियों को भी दिखायी. अधिकांश लोगों ने कहा कि गीता का चेहरा कोकिया से काफी मिलता-जुलता है. बाद में बचनी ने काम पर निकले अपने पति भुल्लो महतो को बुलावा भेजा. भुल्लो पहुंचा तो उसने भी गीता की तसवीर को देख कहा कि इसका चेहरा कोकिया से मिलता-जुलता है.
प्रभात खबर से बातचीत के क्रम में बचनी ने बताया कि उसको छह बच्चे हैं. इनमें दो पुत्र उमेश व रमेश के अलावा अंबिया, सुमित्र, मालती हैं. कोकिया छोटी बेटी थी.
घर से निकली, पर नहीं लौटी
बचनी देवी ने बताया कि जब उसकी बेटी लापता हुई थी, उस वक्त 10-12 साल की थी. कोकिया बोल व सुन नहीं सकती थी. ऐसे में वे लोग उसे घर से कम ही निकलने देते थे. जिस दिन वह लापता हुई, कोकिया बकरी चराने गयी थी. उसके साथ अन्य बच्चे भी थे. सभी बच्चे आ गये लेकिन कोकिया घर नहीं लौटी. खोजने के क्रम में पता चला कि कोकिया पहले गोमो की ओर गयी.
इसके बाद बलथरिया होते हुए इसरी बाजार चली गयी थी. कोकिया की मां व पिता ने बताया कि वे लोग इसरी बाजार भी गये लेकिन कोकिया का कुछ अता-पता नहीं चला. घर में कोकिया की बचपन की तसवीर नहीं हैं, लेकिन परिवार के पास समाज कल्याण विभाग बोकारो द्वारा जारी नि:शक्त प्रमाण पत्र है, जिसमें लगा फोटो थोड़ा धुंधला हो चुका है.
पाकिस्तान कैसे पहुंची होगी कोकिया
गीता ही अगर कोकिया है तो वह पाकिस्तान कैसे पहुंची? चर्चा के दौरान पौरेया के मुखिया राजकुमार महतो समेत कुछ लोगों ने आशंका जतायी कि संभवत कोकिया जम्मूतवी-सियालदह ट्रेन पर चढ़ गयी होगी और जम्मू या फिर पठानकोट में उतर गयी होगी.

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