चिंता में डूबे हैं 38 परिवार
बगोदर : एक ओर जहां त्योहारों को लेकर हर जगह उल्लास का माहाैल है, वहीं मलयेशिया में बंधक बने बगोदर के 38 मजदूरों के परिवार चिंतित हैं. वे उनकी सकुशल वापसी की दुआ कर रहे हैं. मंगलवार को विधायक नागेंद्र महतो, बगोदर-सरिया के एसडीओ गोरांग महतो, सरिया बीडीओ निर्भय कुमार बंधक बने कई मजदूरों के […]
बगोदर : एक ओर जहां त्योहारों को लेकर हर जगह उल्लास का माहाैल है, वहीं मलयेशिया में बंधक बने बगोदर के 38 मजदूरों के परिवार चिंतित हैं. वे उनकी सकुशल वापसी की दुआ कर रहे हैं.
मंगलवार को विधायक नागेंद्र महतो, बगोदर-सरिया के एसडीओ गोरांग महतो, सरिया बीडीओ निर्भय कुमार बंधक बने कई मजदूरों के परिवार से मिले और मामले की जानकारी ली. अधिकारियों ने उनकी सकुशल वापसी का भरोसा दिलाया़
विधायक ने सीएम, गृह मंत्रालय को लिखा है पत्र : बगोदर विधायक नागेंद्र महतो ने इन मजदूरों की सकुशल वापसी के लिए सोमवार को मुख्यमंत्री, गृह सचिव व गृह मंत्रालय को पत्र लिख कर पहल की मांग की है़
मजदूरी मांगने पर होती है पिटाई : मलेशिया में बंधक बने इदरीश अंसारी के पिता शमशुद्दीन अंसारी (ग्राम पिपराडीह) ने बताया कि 19 अक्तूबर पुत्र (इदरीश) से बात हुई थी. उसने बताया था कि हम सभी मुसीबत में हैं, हमारे साथ मारपीट की जा रही है. डेरा से 50-60 किमी काम करने के लिए वाहन से ले जाया जाता है़ काम करने के बाद उक्त स्थान से डेरा तक पैदल आना पड़ता है़
मजदूरी मांगने पर शराब पिलाकर ठेकेदार आदमी को बुलाकर मारपीट करता है़ बताया कि उन्हें एसजी केबल ट्रांसमिशन लाइन में काम करवाने के लिए मलयेशिया के सरवाक गोडान, जिला कुचिन लाया गया है़ ठेकेदार ने 25-26 हजार रुपये प्रतिमाह देने की बात कही थी, लेकिन बाद में वह 10-12 हजार रुपये देने की बात कहने लगा़ इसी बात पर जब उन्होंने घर वापसी की बात की तो ठेकेदार ने पासपोर्ट जब्त कर लिया.
पति ने बताया नहीं मिल रहा खाना: वहीं बंधक बने ढालचंद महतो की पत्नी रूकवा देवी (ग्राम चिचाकी) ने बताया कि आज ही पति से बातचीत हुई है़ उन्होंने बताया कि खाना नहीं मिल रहा है, हम सभी परेशान हैं. वहीं सद्दाम हुसैन के पिता मनीरूद्दीन अंसारी, सोमर महतो के पिता झरी महतो ने बताया कि हमें अपने पुत्र के बंधक होने की सूचना आज मिली है.
सात मजदूर हैं बीमार
मलयेशिया में बंधक बने इदरिश अंसारी ने फोन पर बताया कि उन्हें पिपराडीह के श्याम लाल महतो ने मलयेशिया लेकर आया है, लेकिन उसका भी सहयोग हमें नहीं मिल रहा है.
सात साथियों की तबीयत खराब है, जिनमें दिलचंद महतो, सोमर महतो, इदरिश अंसारी, पोखन महतो, जगरनाथ महतो, श्याम सुंदर, मुकेश महतो, विजय महतो (सभी ग्राम चिचाकी व पिपराडीह) शामिल हैं. यह भी बताया कि उन्हें 15 दिनों से काम नहीं मिल रहा है़ सभी लोगों को अलग-अलग स्थान पर रखा है़ एक दूसरे से बातचीत नहीं हो रही है