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एक को आजीवन कारावास

गौरी देवी हत्याकांड.13 अप्रैल 2009 की घटना, मामला बिरनी के कल्याणपुर गांव का गिरिडीह : जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम) सुनील कुमार सिंह की अदालत ने गौरी देवी हत्याकांड में महेश महतो को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना की रकम नहीं देने पर एक वर्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2016 9:18 AM
गौरी देवी हत्याकांड.13 अप्रैल 2009 की घटना, मामला बिरनी के कल्याणपुर गांव का
गिरिडीह : जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम) सुनील कुमार सिंह की अदालत ने गौरी देवी हत्याकांड में महेश महतो को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना की रकम नहीं देने पर एक वर्ष साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी.
इसी मामले में अदालत ने भादवि की धारा307 व 323 में दोषी पाते हुए गुजर महतो व नुनमन महतो को भी तीन-तीन वर्ष की सजा सुनायी है. अदालत ने दोनों को दो-दो हजार रुपये का जुर्माना भी किया और कहा कि जुर्माना की रकम जमा नहीं करने पर चार-चार माह की साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी.
मामला बिरनी थाना अंतर्गत कल्याणपुर गांव का है. 13 अप्रैल. 2009 की शाम महेश महतो, नुनमन महतो व गुजर महतो(पिता मेघु महतो) खपरैलनुमा घर से लकड़ी उखाड़कर ले जा रहे थे.
इसका विरोध सरयू महतो के पुत्र विनोद महतो व उपेंद्र महतो ने किया. हो-हल्ला होने पर सरयू महतो की पत्नी गौरी देवी वहां पहुंची. तब महेश महतो ने गौरी देवी के सिर पर टांगी से प्रहार कर दिया, जिससे उसका सिर फट गया. इसी क्रम में नुनमन महतो व गुजर महतो ने भी मारपीट की, जिसमें सरयू महतो भी घायल हो गये. गंभीर रूप से घायल गौरी देवी गिरिडीह सदर अस्पताल लाया गया. जहां स्थिति गंभीर देख चिकित्सकों ने रिम्स(रांची)रेफर कर दिया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. सूचक सरयू महतो के बयान पर बिरनी थाना में 14 अप्रैल 2009 को मामला दर्ज हुआ. सरयू महतो और उसका सौतेला भाई महेश महतो खपरैलनुमा घर में ही एक साथ रहते थे.
इसी घर से खपड़ैल उखाड़कर ले जाने को लेकर विवाद हुआ था. सत्रवाद संख्या 472/09 में अदालत ने महेश महतो को धारा 302 व नुनमन महतो व गुजर महतो को धारा 307 व 323 में सजा सुनायी है. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता मुस्लिम अंसारी व बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता प्रदीप कुमार अंबष्ट ने बहस की. बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्री अंबष्ट ने कहा कि हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन अपील में जायेंगे.

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