नहीं थम रहा हाथियों का उत्पात, 11 घर तोड़े

पीरटांड़ प्रखंड के गांवों में फैला रखा है आतंक घर का अनाज चट किया दिन भर जंगल में जमाये रहते हैं डेरा शाम होते ही आबादी की ओर करते हैं रुख पीरटांड़. दिन भर जंगल में रहने के बाद देर रात को हािथयों का झुंड प्रखंड के खेताडाबर, बोरोटांड़, लौंगीटांड़ व अटकाबारी गांव में घुस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2016 8:01 AM
पीरटांड़ प्रखंड के गांवों में फैला रखा है आतंक
घर का अनाज चट किया
दिन भर जंगल में जमाये रहते हैं डेरा
शाम होते ही आबादी की ओर करते हैं रुख
पीरटांड़. दिन भर जंगल में रहने के बाद देर रात को हािथयों का झुंड प्रखंड के खेताडाबर, बोरोटांड़, लौंगीटांड़ व अटकाबारी गांव में घुस गया और11 घरों में तोड़फोड़ मचायी वहीं तीन दुकान को भी ध्वस्त कर दिया. अर्जुन सिंह, साहेब सिंह व श्रीधर सिंह के धान मिल को क्षतिग्रस्त कर दिया.
इनके घरों को तोड़ा : सुजान सिंह, किशुन मल्लाह, लक्ष्मण मल्लाह, भोला पंडित, सेवा पंडित, लालू राय, सुरेश राय, अनूप राय, कार्तिक राय, नरेश सिंह, जट्टू राणा के मकान को तोड़कर घर में रखे चावल, धान, मकई, बाजरा आदि अनाज चट कर गये, बर्तनों को भी नष्ट कर दिया.
गांव में मची भगदड़ : सोमवार की देर रात को हाथियों का झुंड अचानक गांव में पहुंच गया. चिंघाड़ने की आवाज सुनते ही लोग घरों से बाहर निकल गये, भगदड़ की स्थिति बन गयी. बाद में ग्रामीण एक जगह जुटे और मशाल जलाकर बाहर खदेड़ने का प्रयास किया, इसके बाद हाथी फिर जंगल में चले गये.
25-25 किलो अनाज वितरित : हाथियों के उत्पात की खबर पर मंगलवार को प्रमुख सिकंदर हेंब्रम, भोला पाठक, तीर्थनाथ सिंह ने मामले की जानकारी बीडीओ व सीओ को दी. जानकारी पर राजस्व कर्मचारी रामनरेश सिंह पहुंचे और क्षति का जायजा लिया. मौके पर सभी पीड़ितों को 25-25 किलो अनाज भी मुहैया कराया गया.
हाथियों को निकालने में जुटी है टीम : डीएफओ
डीएफओ कुमार आशीष ने कहा कि हाथियों के झुंड को इलाके से सुरक्षित निकालने के लिये टीम लगी है. जिनका नुकसान हुआ है, उसका आकलन कर मुआवजा दिया जायेगा.
गरीबों पर कहर बन बरपे दशहत के साये में ग्रामीण
हाथी जिन इलाकों में तबाही मचा रहे हैं, वहां की अधिकतर आबादी गरीब है. लोग खेती करके गुजर-बसर करते हैं. हाथी इनके घरों को तोड़कर अनाज खा जा रहे हैं, फसल नष्ट कर दे रहे हैं, जिससे उनका काफी नुकसान हाे रहा है. इलाके के लोग दहशत में है. उन्हें रात जागकर बितानी पड़ रही है. हर वक्त यह डर सताते रहता है कि पता नहीं किस ओर से हाथी आ धमके.

Next Article

Exit mobile version