भाई ने रची साजिश, गोतिया ने रेता गला
बिरनी के जरीडीह निवासी भाजपा कार्यकर्ता अर्जुन वर्मा हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने कर लिया है. घटना का साजिशकर्ता उसका सगा भाई निकला. उसके कहने पर कोलकाता में काम करनेवाले उसके रिश्ते के एक भाई ने घटना को अंजाम दिया. गिरिडीह/बिरनी : बिरनी के जरीडीह निवासी भाजपा कार्यकर्ता अर्जुन वर्मा का गला उसके गोतिया के […]
बिरनी के जरीडीह निवासी भाजपा कार्यकर्ता अर्जुन वर्मा हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने कर लिया है. घटना का साजिशकर्ता उसका सगा भाई निकला. उसके कहने पर कोलकाता में काम करनेवाले उसके रिश्ते के एक भाई ने घटना को अंजाम दिया.
गिरिडीह/बिरनी : बिरनी के जरीडीह निवासी भाजपा कार्यकर्ता अर्जुन वर्मा का गला उसके गोतिया के भाई मुकेश वर्मा ने रेता था. इसके लिए शार्प व पतला चाकू का उपयोग किया गया था. वहीं इस पूरे कांड को अंजाम देने की साजिश मृतक के सगे भाई खोशी महतो ने रची थी. खोशी को घटना के बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया था. यह जानकारी मंगलवार को बिरनी थाना में आयोजित प्रेस वार्ता में सरिया-बगोदर के एसडीपीओ दीपक कुमार शर्मा ने दी. श्री शर्मा ने बताया कि इस हत्याकांड को अंजाम देने की प्रमुख वजह अर्जुन का अपने भाई खोशी से चल रहा पारिवारिक विवाद रहा. बताया कि इलाके में अर्जुन लोकप्रिय भी था और कई सामाजिक कार्य में भी भागीदारी निभा रहा था इससे भी खोशी को जलन हो रही थी.
इसी विवाद व जलन के कारण खोशी ने अर्जुन की हत्या की साजिश रची. साजिश के तहत घटना को अंजाम देने की सुपारी खोशी ने गोतिया के भाई मुकेश वर्मा को दी थी. मुकेश कोलकाता में रहता है और सिर्फ हत्याकांड को अंजाम देने के लिये अपने तीन-चार साथियों के साथ गांव आया था. मुकेश पहले रामगढ़ पहुंचा और उसके बाद गांव आया था. एसडीपीओ श्री शर्मा ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद मुकेश वापस कोलकाता भाग गया.
आठ मिनट तक लड़ता रहा अर्जुन : एसडीपीओ श्री शर्मा ने बताया कि घटना के दिन पहली बार खोशी महतो के मोबाइल से अर्जुन को फोन किया गया. इसके बाद पांच बार मुकेश ने अपने मोबाइल से अर्जुन को फोन कर घटनास्थल पर बुलाया. चूंकि मुकेश अर्जुन का रिश्तेदार है ऐसे में अर्जुन मुकेश की बात में आ गया.
मुकेश के मोबाइल से अंतिम बार रविवार की दोपहर 1.27 बजे अर्जुन के मोबाइल पर फोन आया था. बताया कि अर्जुन अपनी बाइक से मुकेश के पास पहुंचा तो वह उसे बात करते हुए सड़क से बीस फीट दूर ले गया और अचानक उसपर हमला बोल दिया गया. अचानक हमले से अर्जुन सकते में आ गया और उसने भी 7-8 मिनट तक विरोध किया. दोनों में हाथापाई होने लगी इस बीच मुकेश ने दाव (बड़ा चाकू) से अर्जुन के सर पर कई बार वार किया गया, जिससे वह अचेत होकर गिर गया. अर्जुन के गिरते ही मुकेश ने चाकू से गला रेतकर मार डाला. बताया कि हत्या करने के बाद मुकेश व उसके 3-4 सहयोगियों ने कपड़े व हाथ पर लगे खून के धब्बे को घटनास्थल के समीप पर स्थित गड्ढे में धोया और बाद में अर्जुन की बाइक को लेकर भरकट्टा मुख्य मार्ग होते हुए भाग निकले.
वर्द्धमान के कमल कुमार डे के नाम से है सीम : श्री शर्मा ने बताया कि खोशी कहने पर मुकेश ने इस हत्याकांड को अंजाम देने में प्रोफेशनल तरीका अपनाया था. मुकेश ने पुलिस को बरगलाने के लिये फर्जी सीम पश्चिम बंगाल के कल्याणपुर निवासी कमल कुमार डे के नाम पर खरीदा. इसी सीम से मुकेश ने अर्जुन के मोबाइल पर पांच बार फोन किया. हत्या को अंजाम देने के बाद मुकेश ने इस सीम का इश्तेमाल भी नहीं किया और अपने साथियों के साथ फरार हो गया. वहीं खोशी ने खुद को बचाने के लिये मुकेश से हत्या करायी.
12 वर्ष से अर्जुन व खोशी में चल रहा था विवाद
एसडीपीओ श्री शर्मा ने बताया कि आपसी विवाद के कारण 1995 में तीनों भाई खोशी महतो, अर्जुन महतो व छतर महतो अलग-अलग रहने लगे. 2004 में अर्जुन के खेत पर खोशी ने जबरन खेती की थी. इस दौरान खोशी ने अर्जुन के साथ मारपीट कर सर भी फोड़ डाला था. खोशी ने कुआं से भी पानी लेने पर अर्जुन के परिवार वालों को रोक दिया था.
वर्ष 2010 में भी जमीन विवाद को लेकर खोशी ने अपने बच्चों के साथ मिलकर अर्जुन पर जानलेवा हमला किया था. वर्ष 13 में जब अर्जुन अपना घर बना रहा था तो खोशी ने उसे घर बनाने नहीं दिया. वर्ष 14 में जब अर्जुन के पुत्र राजेश की शादी होने लगी तो उस दौरान भी खोशी ने आंगन में मंडप गाड़ने के सवाल पर विवाद खड़ा कर दिया. वर्ष 2015 में अर्जुन के पुत्र राजेश वर्मा पर दुष्कर्म का मुकदमा खोशी ने करवाया था. सड़क को लेकर जमीन देने की बात जब अर्जुन व उसके गोतिया के कुछ लोगों ने की तो इसका विरोध भी खोशी ने कर दिया था. इस दौरान खोशी व छतर महतो ने धमकी दी थी की जो भी जमीन देगा उसे मार दिया जायेगा.