सदियां हुसैन की हैं, जमाना हुसैन का…
या अली या हुसैन के नारों से पूरा गिरिडीह गूंज उठा. मौका था मुहर्रम को लेकर निकाले गये जुलूस व विभिन्न अखाड़ों में हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए युवाओं का. मुहर्रम को लेकर करबला में फातिहा के बाद सिरनी का वितरण भी किया गया. गिरिडीह/गांडेय : ‘अफजल है कुल जहान से घराना हुसैन का, नबियों का […]
या अली या हुसैन के नारों से पूरा गिरिडीह गूंज उठा. मौका था मुहर्रम को लेकर निकाले गये जुलूस व विभिन्न अखाड़ों में हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए युवाओं का. मुहर्रम को लेकर करबला में फातिहा के बाद सिरनी का वितरण भी किया गया.
गिरिडीह/गांडेय : ‘अफजल है कुल जहान से घराना हुसैन का, नबियों का ताजदार है नाना हुसैन का. एक पल की थी बस हुकूमत यजीद की, सदियां हुसैन की है जमाना हुसैन का’. एक तरफ जहां बच्चे, युवा, बूढे सभी हजरत हुसैन के सदके में जुलूस व अखाड़ा में शामिल दिखे, वहीं महिलाएं भी करबला में जमा हुई. जिले भर के करबला में बुधवार को फातिहा के साथ मुहर्रम संपन्न हुआ.
जगह-जगह अखाड़ा कमेटियों द्वारा जुलूस भी निकाला गया. अकीदतमंदों के जुटने से विभिन्न करबला में मेले सा माहौल रहा. मोहम्मदिया डंके की आवाज व या अली या हुसैन के नारों से पूरा इलाका गुंजायमान रहा. इधर, दोपहर बाद महिलाएं घरों में सिरनी बना कर करबला पहुंची और सामूहिक फातिहा किया गया.
नुमाइशी अखाड़ाें की रही धूम : शहरी व मुफस्सिल क्षेत्र के बरवाडीह, डाड़ीडीह, बुढ़ियाखाद, मोती मुहल्ला, भंडारीडीह, स्टेशन रोड, कोलडीहा, अंबाटांड़, परातडीह, सिमरिया धौड़ा, खुटवाढाब, बोड़ो, मोहनपुर, पचंबा, तेलोडीह आदि क्षेत्रों में मुहर्रम की दसवीं की सुबह व शाम को अखाड़ा कमेटियों द्वारा जुलूस निकाला गया और जगह-जगह नुमाइशी अखाड़ों का प्रदर्शन किया गया. इधर गांडेय प्रखंड क्षेत्र के बड़कीटांड़, महेशमुंडा, पांडेडीह, बैदाडीह, गांडेय, गिरनियां, परमाडीह, फूलजोरी, घाटकुल, अहारडीह, पहरीडीह आदि गांवों में भी मुहर्रम मनाया गया.
इस दौरान अली स्टार क्लब गिरनियां के बैनर तले ईदगाह मैदान में अखाड़ा का आयोजन किया गया. बतौर मुख्य अतिथि पूर्व विधायक डॉ. सरफराज अहमद, पूर्व उप प्रमुख मो. अकबर, थाना प्रभारी कमलेश प्रसाद, सामाजिक कार्यकर्ता हाजी उसमान, भागवत सिंह, कांग्रेस नेता नैयाज अहमद, मो. याकूब मौजूद थे. अखाड़ा के सफल आयोजन में अंजुमन कमेटी के मो. गुलाम मुस्तफा, मो. अनवर, मो. मुख्तार, पूर्व उप मुखिया मो. आलम, प्रनामं के सदस्य मो. इम्तियाज आदि की सराहनीय भूमिका रही.
हजरत हुसैन की शहादत की याद दिलाता है मुहर्रम : गिरिडीह. उम्मत के ईमान को बचाने के लिए 72 जानों के साथ कुरबान होने वाले हजरत इमाम हुसैन की शहादत मुहर्रम की याद दिलाता है. हजरत हुसैन का कुफा जाना और प्यारे नबी रहमतुल्लाह अलैहे सल. बताये हक के रास्ते पर कुरबान होने का वाक्या इसलाम को ताउम्र जिंदा रखने की बात दुहराती है.
यजीद ने धोखे से हजरत हुसैन को बुलाया था कुफा : कुफा वाले यजीद ने हजरत हुसैन को बैत/अनुयायी होने का खत भेजा. खत पढ़कर हजरत हुसैन ने हजरत मुसलिम को कुफा भेजा. इसके बाद यजीद ने हजरत मुसलिम के माध्यम से बैत होने का झूठा खत भिजवाया और धोखे से हजरत हुसैन को कुफा बुलवाया.