मार्च तक 3000 किलोमीटर सड़क
सौगात. 1210 सड़क, 130 पुलों का शिलान्यास गिरिडीह : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि गांवों का विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि आजादी के 70 वर्षों के बाद भी गांवों का सर्वांगीण विकास नहीं हो पाया. यही कारण है कि गांवों के सर्वांगीण विकास में तेजी लाने का संकल्प हमने लिया […]
सौगात. 1210 सड़क, 130 पुलों का शिलान्यास
गिरिडीह : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि गांवों का विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि आजादी के 70 वर्षों के बाद भी गांवों का सर्वांगीण विकास नहीं हो पाया. यही कारण है कि गांवों के सर्वांगीण विकास में तेजी लाने का संकल्प हमने लिया है. बुनियादी ढांचे के बिना किसी भी गांव या समाज का विकास नहीं हो सकता. इस बुनियादी ढांचों को खड़ा करना होगा. इसके लिए झारखंड में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है.
सड़क निर्माण पर 868 करोड़ रुपये होंगे खर्च : लक्ष्य की चर्चा करते हुए सीएम श्री दास ने कहा कि मार्च 2017 तक तीन हजार किमी सड़कें बनेंगी, जिस पर 868 करोड़ रुपये खर्च होंगे. 579 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत खर्च होंगे. गांवों के विकास के लिए तीन साल की योजना तैयार की जा रही है. मार्च 2019 तक 16 हजार किमी सड़कों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2017-18 में 6600 किमी सड़कें बनेंगी. श्री दास गिरिडीह में योजनाओं के शिलान्यास व लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे.
ऑनलाइन शिलान्यास : गिरिडीह झंडा मैदान में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने राज्य के 666 ग्रामीण पथों एवं 60 पुलों का एक साथ ऑनलाइन शिलान्यास किया.
जबकि 544 ग्रामीण पथों एवं 70 पुलों का लोकार्पण किया. इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने जमुआ के मिर्जागंज में स्थित जलीय सूर्यमंदिर के सौंदर्यीकरण का शिलान्यास किया.
22 जिलों में शुरू हुआ 2154 किमी ग्रामीण पथों का निर्माण : मुख्यमंत्री के शिलान्यास किये जाने के साथ 22 जिलों में 2154 किलोमीटर ग्रामीण पथों (662) व 63 पुलों पर कार्य शुरू हो गया.
वहीं उदघाटन के बाद 554 पथों व 70 पुलों को आम लोगों के लिए खोल दिया गया. पूर्व में इस तरह की परियोजनाएं लोकार्पण के लिए लंबित रह जाती थीं. राज्य में ऐसे कई उदाहरण हैं, जब योजनाओं के पूरा होने के बाद लंबे समय तक उदघाटन नहीं होने की वजह से पथों व पुलों को आम लोगों के लिए नहीं खोला जा सका था.
गुणवत्ता से नहीं होगा समझौता : योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के साथ योजनाओं की गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं करने का भी निर्देश अधिकारियों को दिया. उन्होंने कहा कि सड़कों के निर्माण कार्य की देखरेख के लिए टास्क फोर्स बनेगा. योजनाओं के निर्माण व गड़बड़ी के लिए सिर्फ संवेदक ही जिम्मेवार नहीं होंगे, बल्कि इंजीनियर भी जिम्मेवार होगा. इसके लिए मुख्यमंत्री ने सिस्टम को दुरुस्त करने की बात कही.
प्रति दिन योजनाओं का निरीक्षण कर उसका रिपोर्ट ऑनलाइन करने पर बल दिया.2018 तक 30 लाख घरों में होगी बिजली : मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि पैसे व संसाधनों की कोई कमी नहीं है. योजनाओं में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये गये हैं.
2018 तक 30 लाख घरों में बिजली पहुंचायी जायेगी. चार वर्षों के अंदर हर घर में शुद्ध पानी पहुंचाने की योजना पर भी सरकार तेजी से काम कर रही है.
विपक्ष भी साथ दें : मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के विकास में सभी को भागीदारी करनी होगी. इसके लिए सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, सभी विकास में साथ दें. जनता ही मालिक है और हम सेवक मात्र हैं, इसका ख्याल रखा जाना चाहिए. विकास के नाम पर राजनीति बंद होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को दीपक में भी अंधेरा नजर आता है. ऐसे लोगों को मानसिकता बदलनी होगी.
ये लोग थे मौजूद : इस मौके पर ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, गिरिडीह सांसद रवींद्र कुमार पांडेय, कोडरमा सांसद डा. रवींद्र राय, विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी, केदार हाजरा, प्रो. जयप्रकाश वर्मा, नागेंद्र महतो, राजकुमार यादव, जगरनाथ महतो, योगेंद्र महतो, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव अरुण, विकास आयुक्त अमित खरे, उपायुक्त उमाशंकर सिंह व अन्य उपस्थित थे.
समाज की प्रगति में आदिवासियों की अहम भूमिका : सीएम ने कहा कि समाज की प्रगति व देश की आजादी में आदिवासियों की अहम भूमिका रही है. उनके सपनों को साकार करना सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि आदिवासियों की संस्कृति व उनकी परंपरा की रक्षा करने के साथ उनके विकास के लिए भी सरकार प्रयासरत है. आदिवासियों के सरना स्थल का सौंदर्यीकरण किया जायेगा. पारसनाथ पर्वत पर स्थित मरांग बुरू को विश्वस्तरीय स्थल बनाया जायेगा.
उग्रवादियों का मुखौटा पहने गुंडों पर लगेगा अंकुश : श्री दास ने कहा कि उग्रवादियों का मुखौटा पहनकर कई लोग गुंडागर्दी कर रहे हैं. ऐसे गुंडों पर सरकार अंकुश लगायेगी. साथ ही उन्होंने नसीहत भी दी कि जो युवा भटक गये हैं या किसी बाध्यता से उग्रवादियों के साथ जुड़ गये हैं, वे आत्मसमर्पण कर दें. व्यवस्था बदलने का लक्ष्य है हमारा. इसलिए ऐसे लोग मुख्यधारा से जुड़ें.