ओडीएफ को लेकर नगर पर्षद रेस

स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरी क्षेत्र के सभी तीस वार्डों को ओडीएफ घोषित करने की दिशा में नगर पर्षद रेस हो गयी है. इस दिशा में शौचालय निर्माण को ले लापरवाह लाभुकों को पूर्व में जारी नोटिस पर कार्रवाई भी हो सकती है. गिरिडीह : नगर पर्षद अंतर्गत सभी वार्डों को ओडीएफ बनाने की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2016 8:41 AM
स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरी क्षेत्र के सभी तीस वार्डों को ओडीएफ घोषित करने की दिशा में नगर पर्षद रेस हो गयी है. इस दिशा में शौचालय निर्माण को ले लापरवाह लाभुकों को पूर्व में जारी नोटिस पर कार्रवाई भी हो सकती है.
गिरिडीह : नगर पर्षद अंतर्गत सभी वार्डों को ओडीएफ बनाने की कवायद तेज हो गयी है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरी क्षेत्र के तीसों वार्डों को ओडीएफ घोषित करना है. इसके लिए नप ने कोशिशें तेज कर दी हैं. खुले में शौच से मुक्ति के लिए हरेक घर में शौचालय निर्माण को लेकर नप के पदाधिकारियों के अलावे तमाम वार्ड पार्षदों को दिशा निर्देश दिया जा रहा है. इसके साथ ही पहली किस्त लेकर शौचालय निर्माण नहीं करने वाले लाभुकों को नोटिस भी जारी किया गया है.
छह हजार रु की पहली किस्त : जानकारी के मुताबिक नप ने शहरी क्षेत्र में सर्वे के मुताबिक 32 सौ शौचालय निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके तहत 2842 लाभुकों के बीच शौचालय निर्माण हेतु प्रथम किस्त के रूप में छह हजार रु करके दिया गया था. बताया गया कि एक शौचालय के निर्माण को लेकर बारह हजार रु प्रत्येक लाभुक को दिया जाना है. यह राशि दो किस्त में भुगतान की जायेगी. अब तक आठ सौ शौचालय का निर्माण करने का दावा किया गया है. अब तक कुल दस वार्ड को ओडीएफ घोषित किया गया है. इनमें से वार्ड नंबर 9, 10, 11, 12, 14, 15, 24, 25, 26 व 27 शामिल हैं. शेष वार्डों को ओडीएफ बनाने के लिए चार जनवरी से स्वच्छ सर्वेक्षण शुरू किया जायेगा. इसके तहत 75 फीसदी वार्डों को ओडीएफ करने का प्रयास किया जायेगा.
परेशानी का सबब : सूत्रों की मानें तो इस अभियान की सफलता के रास्ते में कई व्यावहारिक परेशानी है.अब तक कई लाभुकों ने पहली किस्त लेकर शौचालय का निर्माण नहीं कराया है. इसलिए नप के लिए यह परेशानी का सबब बना हुआ है. इसके लिए वार्ड स्वच्छता उप समिति के साथ मिल कर शौचालय निर्माण पूर्ण कराने का प्रयास किया जा रहा है. इस उप समिति में वार्ड पार्षद अध्यक्ष होते हैं. इन तमाम मामलों को लेकर कार्यपालक पदाधिकारी साप्ताहिक बैठक कर टीम के साथ अनुश्रवण कर रहे हैं.

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