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जमीन पर दखल के लिए ग्रामीणों की भूख हड़ताल

दुम्मा-नावाडीह के 11 ग्रामीणों को भूदान में मिली थी जमीन कागजात मिलने के बाद आज तक नहीं मिला है दखल समाहरणालय परिसर में हड़ताल पर बैठे हैं ग्रामीण गिरिडीह. दुम्मा-नावाडीह के 11 ग्रामीणों ने सोमवार से समाहरणालय प्रांगण में भूख हड़ताल शुरू की है. उनका कहना है कि वर्ष 1986-87 में उनलोगों को सरकार ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 11, 2017 7:51 AM
दुम्मा-नावाडीह के 11 ग्रामीणों को भूदान में मिली थी जमीन
कागजात मिलने के बाद आज तक नहीं मिला है दखल
समाहरणालय परिसर में हड़ताल पर बैठे हैं ग्रामीण
गिरिडीह. दुम्मा-नावाडीह के 11 ग्रामीणों ने सोमवार से समाहरणालय प्रांगण में भूख हड़ताल शुरू की है. उनका कहना है कि वर्ष 1986-87 में उनलोगों को सरकार ने एक-एक एकड़ जमीन भूदान में दी. जमीन के कागजात तो अंचल कार्यालय से मिला, लेकिन 30 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक जमीन का दखल नहीं दिया गया है और न ही जमीन की मापी की गयी है.
वे लोग कागज लेकर इधर से उधर घूम रहे हैं. कई बार जमुआ अंचल कार्यालय जाकर सीओ से मिले और फरियाद की, लेकिन कोई दखल नहीं मिला तो विवश होकर भूख हड़ताल पर बैठे. ग्रामीण डेगन तुरी, कारू तुरी, मोहन तुरी, चरण तुरी, कैलाश तुरी, युगल तुरी, बहादुर तुरी, रमिया देवी आदि का कहना है कि जमीन का दखल कराने के लिए डीसी को ज्ञापन भी सौंपा गया. कहा कि जब तक अपर समाहर्ता व जमुआ के अंचलाधिकारी स्थल पर पहुंचकर जमीन का दखल नहीं दिलाते हैं, तब तक उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी.

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