सदर अस्पताल में कुव्यवस्था के खिलाफ अभाविप ने की तालाबंदी

उत्पाद विभाग में सिपाही पद के लिए दौड़ में शामिल होने आये अभ्यर्थियों के बीमार पड़ने पर सदर अस्पताल में इलाज में लापरवाही बरतने व कुव्यवस्था के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को अस्पताल के मुख्य गेट में तालाबंदी की.

By Prabhat Khabar News Desk | September 2, 2024 11:10 PM

आक्रोश प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का पुतला दहन किया

कचहरी रोड मुख्य मार्ग को किया जाम

अभ्यार्थियों के इलाज में लापरवाही बरतने का लगाया आरोप

गिरिडीह.

उत्पाद विभाग में सिपाही पद के लिए दौड़ में शामिल होने आये अभ्यर्थियों के बीमार पड़ने पर सदर अस्पताल में इलाज में लापरवाही बरतने व कुव्यवस्था के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को अस्पताल के मुख्य गेट में तालाबंदी की. तालाबंदी के बाद अभाविप कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का पुतला दहन किया. अस्पताल के मुख्य गेट के समक्ष धरना पर बैठ गये. साथ ही कचहरी रोड पर प्रदर्शन करने वालों के बैठनेसे जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी. अभाविप के प्रदेश सोशल मीडिया संयोजक आशीष कुमार ने कहा कि प्रदेश की हेमंत सरकार युवाओं को नौकरियों के नाम पर मौत दे रही है. दो दिन पहले गत गिरिडीह जिले के देवरी प्रखंड की मानिकबाद पंचायत के बेको निवासी सूरज कुमार वर्मा की मौत दौड़ लगाने के दौरान मौत हो गयी. वह एक होनहार छात्र था. वह जेपीएससी पीटी परीक्षा निकाल कर मेंस फाइनल रिजल्ट का इंतजार कर रहा था. कहा कि उत्पाद सिपाही दौड़ में अलग-अलग जिले से आये अभ्यर्थी दौड़ में शामिल हो रहे हैं. इसमें काफी युवा बेहोश हो जाते हैं और पुलिस प्रशासन उन्हें एंबुलेंस से लाकर सदर अस्पताल में भर्ती करवा देता है. कहा कि गिरिडीह सदर अस्पताल में भर्ती अभ्यर्थियों को अस्पताल के कॉरिडोर में रखकर ट्रीटमेंट किया जा रहा है. दो दिन पहले एक बेड पर चार अभ्यर्थियों को रख कर ट्रीटमेंट किया जा रहा था. और तो और परिषद के कार्यकर्ता सदर अस्पताल में जाकर पूछताछ करते हैं, तो वहां की नर्स का कहतीं हैं कि आप लोग ही व्यवस्था क्यों नहीं करते हैं. सदर अस्पताल में कुव्यवस्था के कारण अभ्यर्थियों को कठिनाई होती है. कहा कि राज्य सरकार दौड़ में मेडिकल की व्यवस्था क्यों नहीं दे रही है. कहा कि युवा विरोधी झारखंड सरकार रोजगार के नाम पर मौत दे रही है. कहा कि अभी तक 13 अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है. प्रतिदिन 20-25 अभ्यर्थी बेहोश हो रहे हैं और अस्पताल का चक्कर काट रहे हैं. मृतक परिवार के सदस्यों को मुआवजा व नौकरी की मांगजिला संयोजक उज्जवल तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को छल रही है. सदर अस्पताल में बीमार अभ्यर्थियों का बेहतर तरीके से इलाज होना चाहिए. इसमें कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. इस दौरान अभाविप कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार से उत्पाद सिपाही दौड़ सुबह आठ बजे से पहले समाप्त करने, मृतक अभ्यर्थियों के परिवार को 50 लाख का मुआवजा देने, दौड़ स्थल पर मेडिकल की सुविधा, सदर अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था में सुधार करने व मृतक अभ्यर्थियों के परिवार में किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है. मौके पर नगर मंत्री बबलू यादव, मंटू मुर्मू, रोहित बरनवाल, चंदन ओझा, नीरज चौधरी, रोशन चंद्रवंशी, राहुल पांडेय, अनीश राय, अभिजीत सिन्हा, चैतन्य मिश्रा, क्रिस पासवान, आदित्य पासवान, हेमंत तिवारी आयुष सिंह, रोशन राणा, सदानंद सिंह, सूजल चंद्रवंशी आदि थे.

बॉक्सपुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई नोकझोंकसदर अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त कराने की मांग को लेकर आंदोलन के दौरान परिषद के कार्यकर्ता मुख्य मार्ग पर बैठकर हेमंत सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. इसके कारण सड़क जाम हो गयी. आवागमन प्रभावित होने की सूचना पर नगर थाना प्रभारी शैलेश प्रसाद सदल-बल सदर अस्पताल मुख्य गेट के समक्ष पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को मुख्य सड़क हटाया. हालांकि, इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच नोकझोंक भी हुई. बाद में समझा बुझाकर कार्यकर्ताओं को शांत किया गया.

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