Loading election data...

Giridih News: भेलवाघाटी नरसंहार के 19 वर्ष बीते, आज भी नक्सलियों का खूनी खेल का दहशत कायम

Giridih News: बताया जाता है कि इलाके में नक्सल गतिविधि को पनपते देख इससे लोहा लेने के लिए गांव में में ग्राम रक्षा दल का गठन किया गया था. ग्राम रक्षा दल को नक्सलियों को गांव में प्रवेश से रोकना था. ग्रामीणों के इस सामूहिक फैसले से सीमाई क्षेत्र में सक्रिय नक्सली नाराज चल रहे थे.

By Prabhat Khabar News Desk | September 10, 2024 11:46 PM

बहुचर्चित भेलवाघाटी नरसंहार के 19 वर्ष बीत जाने के बाद आज भी नक्सलियों के खूनी खेल का दहशत कायम है. जिस 11 सितंबर की काली रात में भाकपा माओवादियों ने गांव के बीच चौराहे पर खून की होली खेलकर गांव के 17 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. वह 11 सितंबर 2005 की रात भेलवाघाटी के अतीत की काली रात के रूप में दर्ज है.

नाराजगी की प्रतिक्रिया बदली नरसंहार में

बताया जाता है कि इलाके में नक्सल गतिविधि को पनपते देख इससे लोहा लेने के लिए गांव में में ग्राम रक्षा दल का गठन किया गया था. ग्राम रक्षा दल को नक्सलियों को गांव में प्रवेश से रोकना था. ग्रामीणों के इस सामूहिक फैसले से सीमाई क्षेत्र में सक्रिय नक्सली नाराज चल रहे थे.

जन अदालत लगाकर रक्षा दल को सुनाई सजा

ग्राम रक्षा दल से नाराज माओवादियों ने 11 सितंबर 2005 की रात में पूरे गांव को घेर लिया और घरों की कुंडियों को बंद कर दिया. इसके बाद ग्राम रक्षा दल के सदस्यों एक-एक कर घर से बाहर निकालकर गांव के बीच चौराहे पर जनअदालत लगायी गयी. जन अदालत में ग्राम रक्षा दल के सदस्यों को मौत की सजा देने का फरमान सुनाया गया. इसके बाद माओवादियों ने बीच चौराहे पर ही खून की होली खेलकर ग्राम रक्षा दल के सदस्यों की जमकर पिटाई करने के बाद किसी को गोली मारकर, तो किसी की गला रेतकर मौत का घाट उतार दिया. इस घटना में गांव के मजीद अंसारी, मकसूद अंसारी, मंसूर अंसारी, रज्जाक अंसारी, सिराज अंसारी, रामचंद्र हाजरा, गणेश साव, अशोक हाजरा, जमाल अंसारी, कलीम अंसारी, कलीम अंसारी 2, हमीद मियां, करीम मियां, चेतन सिंह, दिल मोहम्मद अंसारी, युसूफ अंसारी आदि सहित 17 लोग मारे गये थे. गांव के जिस चौराहे पर नरसंहार को अंजाम दिया गया वहां खून की धारा बह रही थी.

नहीं बन पायी प्रतिमा

घटना में मारे गये लोगों की याद में नरसंहार में मारे मृतकों का स्टैच्यू बनवाने का वायदा किया गया, लेकिन अभी तक स्टैच्यू नहीं बन पाया है. एक सांसद के द्वारा भी स्टैच्यू बनवाने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक मृतकों का स्टैच्यू नहीं बन पाया है.

आदर्श गांव बनाने का था वायदा, जलसंकट भी नहीं हुआ दूर

जिस भेलवाघाटी गांव को आदर्श गांव बनाने का वादा किया गया था, वहां पर पेयजल संकट तक दूर नहीं किया जा सका. ग्रामीणों ने बताया कि नरसंहार के बाद यहां पहुंचे राजनेताओं ने मृतक के आश्रितों को सरकारी नौकरी, मुआवजा, पुलिस पिकेट बनवाने के अलावा भेलवाघाटी को आदर्श गांव में विकसित करने का वायदा किया गया. हादसा के 19 वर्ष बीतने के बावजूद गांव में पेयजल की समस्या यथावत है. गांव में सालों भर पानी की किल्लत से लोग परेशान हैं. इसे देखते हुए जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ अधिकारियों को समस्या से अवगत करवाकर पेयजल की समस्या को दूर करने की मांग की गयी, लेकिन समस्या दूर नहीं की जा सकी है.

जल जीवन मिशन से भी नहीं मिला पानी

नरसंहार के पीड़ित परिवार के सदस्य व ग्रामीण सलामत अंसारी, कुलसुम बीवी, गफूर मियां, जुम्मन मियां, अख्तर अंसारी, सद्दाम अंसारी, जुमराती मियां, शहजाद अंसारी, कासिम अंसारी आदि ने बताया कि ढाई सौ परिवार को पेयजल की किल्लत से जूझना पड़ रहा है. जल जीवन मिशन के तहत गांव में चार बोरिंग करवाकर जलमीनार बनवाये गये. इसके बाद काम अधूरा छोड़ दिया गया. योजना के तहत गांव के सभी घरों में नल से जल पहुंचाया जाना था, पर 25 घरों तक तक पाइपलाइन बिछाकर कनेक्शन दिया गया. शेष 225 घरों में को पानी के लिए पाइपलाइन बिछाने व कनेक्शन देने का कार्य किये बिना ही काम को बंद कर दिया गया.

कनेक्शन के बावजूद पानी नहीं मिला

योजना के तहत एक भी परिवार के घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. गांव के जिस घर को कनेक्शन से जोड़ा गया है, उसे भी पानी नहीं मिल रहा है. ग्रामीणों ने नल जल योजना के तहत हुए कार्य की जांच कर दोषी संवेदक व विभागीय अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है.

विभाग के कान पर जूं नहीं रेंगता

भेलवाघाटी के मुखिया विकास बर्णवाल का कहना है कि जल जीवन मिशन में संवेदक मनमाने ढंग से कार्य किया है. पेयजल स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को स्थिति से अवगत करवाने के बावजूद आवश्यक पहल नहीं की गयी. फलत: भेलवाघाटी में पेयजल की समस्या दूर नहीं हो पायी है. जेई त्रिपुरारी कुमार ने बताया कि संवेदक ने जैसे-तैसे काम कर कार्य अधूरा छोड़ दिया है. इस मामले में संवेदक ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई की जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version