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क्रिसेंट नर्सिंग होम में प्रसूता की मौत, लापरवाही के आरोप में परिजनों का हंगामा, जाम की सड़क

सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजे क्रिसेंट नर्सिंग होम में ऑपरेशन के लिए भर्ती कराया था. शाम चार बजे महिला का ऑपरेशन किया गया. उसके बाद ही उसकी स्थिति बिगड़ने लगी. अस्पताल के संचालक डॉ बरनवास हेंब्रम का कहना है कि रक्त की कमी और पेट में बच्चे की मौत होने से शरीर में जहर फैल गया था.

संवाददाता, गिरिडीह

पचंबा थाना क्षेत्र के लखारी के पास स्थित क्रिसेंट नर्सिंग होम में मंगलवार की सुबह एक प्रसूता की मौत हो गयी. इससे आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. यही नहीं, अस्पताल के पास सड़क जाम कर अपना विरोध दर्ज कराया. मृतका 22 वर्षीया जेबा तबस्सुम बिरनी थाना क्षेत्र के चरघरा की रहनेवाली थी. उसे प्रसव पीड़ा के बाद परिजनों ने सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजे क्रिसेंट नर्सिंग होम में ऑपरेशन के लिए भर्ती कराया था. शाम चार बजे महिला का ऑपरेशन किया गया. उसके बाद ही उसकी स्थिति बिगड़ने लगी. अस्पताल के संचालक डॉ बरनवास हेंब्रम का कहना है कि रक्त की कमी और पेट में बच्चे की मौत होने से शरीर में जहर फैल गया. इस वजह से मंगलवार की सुबह साढ़े पांच बजे जेबा की मौत हो गयी. महिला की मौत की जानकारी जब परिजनों को मिली, तो वे क्रिसेंट नर्सिंग होम पहुंच गये और हंगामा करने लगे.

दो घंटे जाम रही सड़क, आपसी बातचीत में मामला सुलझा

अस्पताल में हो-हंगामे के बाद आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर दी. लगभग दो घंटे तक जाम की स्थिति बनी रही. इस दौरान नर्सिंग होम के पास पहुंचे लोगों ने काफी देर तक नारेबाजी भी की. बाद में दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद मामला सुलझा लिया गया. मृतका जेबा तब्बसुम के भाई मो मजीद आलम का कहना था कि रक्त की कमी के बाद भी उसकी बहन का ऑपरेशन अस्पताल प्रबंधन ने कर दिया. डॉक्टर की लापरवाही के कारण उसकी बहन की मौत हुई है.

परिजनों ने ऑपरेशन के लिए बनाया दबाव : डॉ बरनवास हेंब्रम

क्रिसेंट नर्सिंग होम के संचालक डॉ बरनवास हेंब्रम का कहना था कि जेबा तब्बसुम के पेट में ही 48 घंटे पूर्व बच्चे की मौत हो गयी थी. मरीज को गिरिडीह सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां ऑपरेशन तक नहीं हुआ और उसे धनबाद के लिए रेफर कर दिया गया. उन्होंने बताया कि मरीज के परिजनों के अनुरोध पर उन्होंने भर्ती लिया और पैथोलॉजिकल जांच के बाद बताया कि रक्त की काफी कमी है. दूसरी ओर बच्चे की मौत को काफी वक्त हो जाने के कारण जहर तेजी से शरीर में फैल गया था. परिजनों ने ऑपरेशन के लिए काफी दबाव बनाया और कहा कि वे लोग ब्लड की व्यवस्था कर लेंगे. मरीज की जान बचाने के लिए ऑपरेशन किया गया. इसके बाद ब्लड की जरूरत हुई, लेकिन परिजन ब्लड लाने में असफल रहे. मरीज के दो-दो भाई ब्लड देने तक नहीं पहुंचे. ब्लड की कमी के कारण ही मरीज की मौत हो गयी.

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