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दो दशक बाद मई-जून में नहीं है विवाह का मुहूर्त, नहीं बजेगी शहनाई

इस वर्ष मई-जून में विवाह का एक भी मुहूर्त नहीं है. अप्रैल महीने में भी सिर्फ कुछ ही दिन शादियां हुई. ऐसा संयोग दो दशक बाद आया है. इससे पहले वर्ष 2000 में इस तरह की स्थिति बनी थी. 23 साल के बाद यह पहला अवसर है कि मई और जून के महीने में एक भी शादी का मुहूर्त नहीं है.

गुरु-शुक्र दोनों नक्षत्र है अस्त, धार्मिक कार्य पर लगी रोक झारखंडधाम. इस वर्ष मई-जून में विवाह का एक भी मुहूर्त नहीं है. अप्रैल महीने में भी सिर्फ कुछ ही दिन शादियां हुई. ऐसा संयोग दो दशक बाद आया है. इससे पहले वर्ष 2000 में इस तरह की स्थिति बनी थी. 23 साल के बाद यह पहला अवसर है कि मई और जून के महीने में एक भी शादी का मुहूर्त नहीं है. शुक्र के अस्त होने पर कर्क, वृषभ, वृश्चिक और मीन राशि के लोगों को नुकसान झेलना पड़ सकता है. ऐसे में शुक्र के उदय होने तक सभी संतान कर्म रुक जाते हैं. इधर गुरु भी अस्त है. पूरे वैशाख व जेष्ठ माह विवाह, देव प्रतिष्ठा, गृहप्रवेश व अन्य धार्मिक अनुष्ठान वर्जित रहेंगे. हालांकि तीर्थ देवपूजन की महिमा यथावत रहेगी. इस संबंध में ज्योतिषाचार्य राहुल पंडा बताया कि हालांकि, 10 मई को अक्षय तृतीया होने के कारण इस दिन अबूझ मुहूर्त रहेगा. ऐसे में केवल 10 मई को शादी की जा सकती है. 28 अप्रैल के बाद जुलाई के महीने में शादी के सिर्फ चार मुहूर्त हैं. जबकि, कार्तिक मास में 9, 10, 15 व देवशयनी एकादशी के मौके पर 17 जुलाई को शादी का मुहूर्त है. इसके बाद चार महीने के लिए चातुर्मास शुरू हो जायेगा. हिंदू धर्म में चातुर्मास में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होता है. हालांकि. बीच में सावन, गणेश उत्सव व शारदीय नवरात्र में सगाई हो सकती है. लेकिन, शादी का शुभ मुहूर्त देवउठनी एकादशी के बाद ही शुरू होगा.

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