Giridih News: अखिल भारतीय शास्त्रीय नृत्य व नाट्य प्रतयोगिता की तैयारी शुरू
Giridih News: गिरिडीह की सांस्कृतिक संस्था कला संगम की ओर से इस बार अखिल भारतीय स्तर पर शास्त्रीय नृत्य, लोक नृत्य और नाट्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा. यह चार दिवसीय होगा. यह आयोजन शहर के सवेरा सिनेमा हाल में 20 मार्च से 23 माार्च तक किया जाएगा.
इस बार की प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए कुल 10 राज्यों की टीम से स्वीकृति मिल चुकी है. इसके लिए अभी तक लगभग 100 नृत्य व 18 नाटकों के मंचन को लेकर पंजीकरण किया जा चुका है. इस आयोजन को लेकर संस्था के पदाधिकारी व सदस्य अभी से ही जुट गये हैं.
झारखंड राज्य के गठन के बाद से ही इसका आयोजन यहां हर साल होता आ रहा है. इससे चार दिनों तक पूरा शहर नृत्य, संगीत व नाटक के रंग में डूबा रहेगा. इसका आयोजन इस बार चार दिनों तक होने से कला प्रेमियों में काफी उत्साह है. इसमें कई टीमों की ओर से कई नाटकों का मंचन किया जाएगा तो वहीं कई कलाकारों की ओर से समूह लोक नृत्य समेत कई प्रकार के नृत्य की प्रस्तुति की जाएगी.पहले दिन निकाली जायेगी रंगयात्रा
कार्यक्रम के पहले दिन पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार और झारखंड की टीम नाटक का मंचन करेगी. वहीं दूसरे दिन मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, असम व गुजरात की टीम नाटक का मंचन करेगी. इसके अलावा दूसरे दिन ही रंगयात्रा निकाली जाएगी. इसमें कई राज्यों के कलाकार पूरे बाजार का भ्रमण कर नृत्य आदि प्रस्तुत करेंगे. इस बारे में आल इंडिया थियेटर काउंसिल के महासचिव सह कला संगम के सचिव सतीस कुंदन ने बताया कि इस कार्यक्रम को लेकर संस्था के सभी कर्मी काफी रोमांचित हैं और इसकी तैयारी में अभी से ही लग गए हैं.बताया कि 1985 में गिरिडीह में मुंबई से आए मिथलेश राय के निर्देशन में अंधायुग नामक नाटक का मंचन किया गया था. इसमें रांची से आए रंगमंच से जुड़े मारवाड़ी कालेज के शिक्षक अजय मलकानी ने भाग लिया था. उन्होंने ही यहां इस प्रकार की प्रतियोगिता का आयोजन करने का सुझाव दिया था.
झारखंड राज्य गठन के साथ हुई थी प्रतियोगिता की शुरुआत
वर्ष 2000 में 15 नवंबर को झारखंड राज्य का गठन किया गया था. तब संस्था की ओर से तत्कालीन उपायुक्त केबीपी सिन्हा को इसका संरक्षक बनाया गया था उन्हीं की देखरेख में यहां दो दिवसीय प्रतियोगिता की शुरूआत की गई थी. वर्ष 2002 में तत्कालीन उपायुक्त मणिकांत आजाद के निर्देश पर यहां चार दिवसीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था.
इसमें उनकी ओर से ही खर्च का वहन किया गया था. वर्ष 2004 में संस्था का 50 वां वर्ष मनाया गया था. वर्ष 2011 में तत्कालीन उपायुक्त वंदना दादेल के संरक्षण में प्रतियोगिता आयोजित की गई थी जो पांच दिनों तक चली थी. इसमें कुल छह लाख रुपये का खर्च आया था. कुंदन ने बताया कि कलाकारों के आने जाने के लिए रेलवे विभाग की ओर से कम कीमत पर टिकट दिया जाता था पर कोरोना काल के बाद से इस पर रोक लगा दिया गया.ऐसे में कलाकारों के आने जाने, खाने पीने और रहने की व्यवस्था संस्था की ओर से ही की जाने लगी है. इसमें संस्था के संरक्षकों के अलावा कई अन्य लोगों की ओर से आर्थिक रूप से सहयोग किया जाता है. बताया कि इस अवसर पर सर्जना नामक पुस्तक का विमोचन किया जाता है जिसमें प्रधान संपादक के रूप में वरीय पत्रकार राकेश सिन्हा का भी सहयोग संस्था को मिलता है.
कलाकारों को किया जाता है पुरस्कृत
बताया कि इसमें भाग लेने वाले वाले तीन तीन कलाकारों को मेडल व प्रमाण पत्र के अलावा नकद राशि भी पुरस्कार के रूप में प्रदान किया जाता है. इसमें उपायुक्त जहां मुख्य संरक्षक होते हैं तो वहीं अनुमंडल पदाधिकारी के अलावा पूर्व मंत्री चंद्रमोहन प्रसाद, राजेंद्र बगेड़िया, सतविंदर सिंह सलूजा्र अजय कुमार सिन्हा, डा.विकास लाल और श्रेयांश जैन सहयोग करते हैं.अभी अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय अध्यक्ष जबकि पंकज कुमार ताह कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में इसमें अपना सहयोग प्रदान कर रहे हैं. बताया कि इस बार इस आयोजन में प्रायोजक के रूप में सलूजा गोल्ड और पंकज कुमार ताह इसमें शामिल हैं. इस बार स्व.उमारानी ताह की स्मृति में इस बार का आयोजन किया जाएगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है