गावां.
प्रखंड में भीषण गर्मी व लू के कारण असमय पशुओं की मौत हो रही है. गावां प्रखंड कृषि व पशुपालन आधारित क्षेत्र है. यहां ते फलत: यहां अधिकांश घरों में पशु पाले जाते हैं. क्षेत्र में देशी नस्ल के पशुओं की संख्या अधिक है. अधिकांश पशु चरने के लिए जंगल में जाते हैं. काफी संख्या में लोगों के पास जर्सी आदि नस्ल के भी पशु हैं. जिन्हें घर में ही रखा जाता है. क्षेत्र में इस समय गर्मी अधिक होने के कारण पशु लू के शिकार हो रहे हैं. लू लगने से उन्हें बुखार व हांफने की शिकायत अक्सर देखने को मिल रही है. गर्भवती गायों में इस समय गर्भपात हो जा रहा है. प्रखंड स्थित पिहरा में गुरुवार को चार गायों की मौत हो गयी, वहीं कई गायों में गर्भपात व मरे बच्चे के पैदा होने का मामला सामने आया. क्षेत्र में पशु चिकित्सकों की कमी के कारण भी लोगों को परेशानी बढ़ गयी है. पशुपालक नवलेश यादव , प्रवीण स्वर्णकार आदि ने कहा कि गर्मी के बढ़ते प्रभाव के कारण पशुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. पशु देखते-देखते बीमार हो जाते हैं, वहीं इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं होने से परेशानी होती है.विभाग इस दिशा में ठोस पहल करे : प्रमुख
मामले में प्रखंड प्रमुख ललिता देवी ने कही कि क्षेत्र कृषि व पशुपालन आधारित है. भीषण गर्मी को देखते हुए विभाग को क्षेत्र में संबंधित दवा आदि का वितरण व इलाज सुनिश्चित करवाना चाहिए. मामले को आगामी बैठक में उठाया जायेगा.
क्या कहते हैं पशु चिकित्सक
मामले में पशु चिकित्सक डॉ रामकृष्ण ने कहा कि इस समय क्षेत्र में पशुओं में कोई रोग या संक्रमण नहीं देखा जा रहा है. गर्मी व लू के कारण पशुओं को परेशानी हो रही है. कहा कि गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए पशुओं को सुबह-शाम नहलायें और पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के लिए दें. लू लगने की स्थिति में प्रखंड पशु चिकित्सालय में संपर्क करें, जहां उचित सलाह के साथ व दवा दी जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है