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कमजोर पर चुके नक्सली संगठन को सशक्त कर हेड बनना चाहता था अनवर

Giridih News :गुनियाथर व चिहरा पुलिस के संयुक्त अभियान में गिरफ्तार बटिया थाना क्षेत्र के बुढ़ियालापर गांव निवासी नक्सली अनवर अंसारी कमजोर पड़ चुके संगठन को मजबूत करने और नक्सलियों का हेड बनकर क्षेत्र में अपना वर्चस्व कायम कर व लेवी वसूल कर पैसा कमाना चाहता था.

डकैती कांड में पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेल

पुलिस को पूछताछ में दी कई अहम जानकारी

गुनियाथर व चिहरा पुलिस के संयुक्त अभियान में गिरफ्तार बटिया थाना क्षेत्र के बुढ़ियालापर गांव निवासी नक्सली अनवर अंसारी कमजोर पड़ चुके संगठन को मजबूत करने और नक्सलियों का हेड बनकर क्षेत्र में अपना वर्चस्व कायम कर व लेवी वसूल कर पैसा कमाना चाहता था. इस बात का खुलासा उसने पुलिसिया पूछताछ में किया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक उसने पूछताछ में स्वीकार किया है कि वह कमजोर पड़ चुके नक्सली संगठन को मजबूत करना चाहता था. वह उसका हेड बनना चाहता था. उसके साथ गिरफ्तार किए गये बुधन मुर्मू ने भी इस बात का खुलासा किया है. उसने यह भी स्वीकार किया है कि पूर्व में वह कुख्यात नक्सली सिद्धू कोड़ा व तालो मरांडी के दस्ते का सदस्य था और उन लोगों के साथ मिलकर कई नक्सली घटना को अंजाम दे चुका था. इस मामले में चरकापत्थर थाना में दर्ज केस में वह जेल भी जा चुका है. जेल से आने के बाद घर वालों के दबाव में आकर उसने कुछ दिन यह काम छोड़ दिया था. सिद्धू कोड़ा के मरने के बाद पूरा दस्ता बिखर गया और नक्सली कमजोर हो गये. इधर, कुछ दिन पहले जब वह झारखंड के भेलवाघाटी इलाके में अपने संबंधी के यहां गया तो उसे पता चला कि अभी नक्सली कमजोर हैं तो क्यों ना इसे बढ़ाया जा. इसी बात को सोचकर उसने बुधन मुर्मू के साथ मिलकर इसपर बात की. बुधन को तैयार करते हुए पूर्व से घर में रखे नक्सली पर्ची, लेटर पैड और मुहर का प्रयोग कर गुनियाथर के मुखिया पति व गुरुड़बाद पुल के संवेदक से लेवी की मांग कर दी.

12 दिसंबर को मुखिया पति और पुल के संवेदक को दी थी पर्ची

पूछताछ में अनवर ने यह भी स्वीकार किया कि 12 दिसंबर को वह और बुधन मुर्मू गुनियाथर के मुखिया के पति के स्कूल गये और वहां पर पर्ची को मोड़ कर स्कूल के गेट पर रख दिया. उसके बाद गुरुड़बाद पुल के पास पहुंचे एवं पुल के दूसरे साइड पर पत्थर से दाब पर्ची को रखा. वहां मुंशी को चिल्लाकर पर्ची के बारे में बताकर दोनों अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गये. कुछ दिन बीतने के बाद अनवर को लगा कि मुखिया पति को फोन कर धमका कर पैसा लिया जा सकता है. उसने पांच जनवरी को बुधन मुर्मू के पास जाकर उसके मोबाइल से मुखिया पति को फोन कर धमकी देते हुए पैसे मांगे. तब उसे लगा कि मुखिया पति उसे पैसे दे देगा, लेकिन इसी बीच दोनों पुलिस के हत्थे चढ़ गये.

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