शाम होते ही अस्पताल परिसर के आसपास मंडराने लगते हैं चालक
गिरिडीह. गिरिडीह में निजी एम्बुलेंस चालकों की मनमानी इस कदर बढ़ गयी है कि अब सदर अस्पताल में इलाजरत मरीजों के परिजनों को रेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसका मुख्य कारण एंबुलेंस चालकों के द्वारा मनमाना भाड़ा वसूलना और जबरन गाड़ियों में मरीजों को बैठाना है. एंबुलेंस चालकों की यह मनमानी दिन में तो खुलेआम हो रही है. इधर, शाम होते ही इनकी मनमानी और बढ़ जाती है कि एंबुलेंस चालक मरीजों के परिजन को जबरन हाथ पकड़ कर गाड़ी में बैठाने लगते है. यह खेल सदर अस्पताल परिसर में तो यह खेल होता है ही, अस्पताल के बाहर भी चलता है. ऐसी बात नहीं है कि इसकी जानकारी सदर अस्पताल के कर्मियों को नहीं है, बल्कि अस्पताल के कई कर्मी भी इस खेल में शामिल हैं.धनबाद, बोकारो और रांची के लिए होती है सबसे अधिक अवैध वसूली
निजी एंबुलेंस चालक सबसे अधिक किराया धनबाद, बोकारो ओर रांची जाने वाले मरीजों के परिजनों से किराया वसूलते हैं. गिरिडीह से धनबाद के लिए छोटे एंबुलेंस का किराया पांच हजार व बड़े एंबुलेंस का नौ हजार, बोकारो के लिए छोटे एंबुलेंस का किराया छब-सात हजार, बड़े एंबुलेंस का नौ हजार और रांची के लिए छोटे एंबुलेंस का किराया नौ-दस हजार और बड़े का किराया 15-20 हजार रुपये वसूला जा रहा है. इतना ही नहीं जब मरीज के परिजन इतनी मोटी रकम देने में अपनी असमर्थता जाहिर करते हैं, तो एंबुलेंस चालक गाली-गलौज तक कर देते हैं.शाम होते ही सदर अस्पताल ले लेकर मधुबन वेजिस तक खड़ी रहती है एंबुलेंस
शाम होते ही सदर अस्पताल परिसर और अस्पताल के बाहर से लेकर मधुबन वेजिस मोड़ तक करीब 20-25 से अधिक निजी एंबुलेंस खड़ी रहती हैं. शाम होते ही एंबुलेंस चालकों की अड्डेबाजी शुरू हो जाती है. कई एंबुलेंस में बैठ कर शराब, गांजा समेत अन्य नशे का सेवन करते हैं. नशा का सेवन करने के बाद एंबुलेंस चालकों की मनमानी और बढ़ जाती है.होगी कड़ी कार्रवाई : थाना प्रभारी
नगर थाना प्रभारी शैलेश प्रसाद ने बताया कि सदर अस्पताल के आसपास यदि निजी एंबुलेंस चालकों मनमानी या फिर अवैध रूप से नशा सेवन करते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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