गिरिडीह : एशिया फेम ज्वेलर एमबी सरकार का नाता रहा है सरिया से, कोलकाता के ज्वेलर्स ने बनाया था भव्य बंगला

पश्चिम बंगाल के संभ्रांत परिवार के प्रतिष्ठित लोगों ने शुद्ध आबोहवा का आनंद लेने के लिए सरिया में अपना बंगला बनाया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2024 8:21 PM

गिरिडीह : अंग्रेजी शासन काल में तत्कालीन हजारीबाग जिला अंतर्गत साल के वृक्षों से घिरा बड़की सरिया गांव पर्यावरण के कारण चर्चित था. ग्रैंड कोर्ड रेल मार्ग पर स्थित हजारीबाग रोड स्टेशन यहां आनेवालों के लिए सुगम ठिकाना था. यह आज भी मौजूद है.

एमबी सरकार द्वारा बनवाया गया बंगला

पश्चिम बंगाल के संभ्रांत परिवार के प्रतिष्ठित लोगों ने शुद्ध आबोहवा का आनंद लेने के लिए यहां अपना बंगला बनाना शुरू किया. यहां सपरिवार लंबी छुट्टियां बिताने आया करते थे. उन्हीं परिवारों में बाग बाजार कोलकाता के प्रसिद्ध आभूषण व्यवसायी एमबी सरकार बड़की सरिया आये. बागोडीह मोड़ सरिया में अपना आशियाना बनाया.

प्रारंभ में 4.5 एकड़ जमीन खरीदी थी

आभूषण व्यवसायी के संबंध में सरिया के पूर्व प्रखंड प्रमुख कुमुद जैन ने अपनी जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि 1935 -40 ई के बीच एशिया फेम आभूषण व्यापारी एमबी सरकार ने जमीन खरीदी. प्रारंभ में 4.5 एकड़ जमीन के बीच खपरैल का मकान बनाया. बाद में उसे आलीशान बंगला का रूप दिया गया. बंगले की सुंदरता को बढ़ाने के लिए कोलकाता से गुलाब, जीनिया, चमेली, चंपा, जूही, बेली, बालसम, जवा फूल, रातरानी सहित विभिन्न प्रजाति के फूलों के पौधों को लगाया जाता था. फलदार वृक्षों में चीकू, अनार, आम, आंवला, जामुन, बेर, अमरूद, पपीता, केला, बेल, इमली, कटहल आदि के पेड़ मौसम के अनुसार फूलों से लदे रहते थे. आज भी बहुत से फलदार तथा इमारती वृक्ष मौजूद हैं.

बड़े नेताओं की आवाजाही रहती थी सरिया में

सुंदर भवन तथा सजे-धजे आकर्षक बगीचों के बीच कई फिल्मों की शूटिंग भी की जाती थी. उस समय यह क्षेत्र जंगल-झाड़ से घिरा हुआ था. ब्रिटिश शासन के विरुद्ध लड़ाई में सरिया क्षेत्र आजादी के दीवानों की कर्मभूमि रहा है. महात्मा गांधी, पं जवाहरलाल नेहरू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, जेपी, विनोबा भावे जैसे महापुरुष के लिए यह सुरक्षित शरणस्थली था. कुमुद जैन बताती हैं कि ज्वेलरी व्यापारी एमबी सरकार के परिवार तथा पुत्र महादेव सरकार समय-समय पर इस शांत वातावरण में लंबी छुट्टियों में चेंजर बनकर सरिया स्थित अपने इस बंगले में समय बिताया करते थे.

यहां शोपस्टोन ग्राइंडर मिल हुई चालू

देशकाल के अनुसार बंगाली परिवार धीरे-धीरे सरिया से अपनी अचल संपत्ति को बेचकर वापस पश्चिम बंगाल जाने लगे. उसी क्रम में 1980 ईस्वी में एमबी सरकार के परिजनों ने भी अपने बंगले को बेच दिया. इसकी रीमॉडलिंग कराकर खरीदार कुमुद जैन ने शोपस्टोन ग्राइंडर मिल चालू की. इसके पाउडर से कप, डिश, इंसुलेटर,साबुन, कार्बन पेपर आदि बनाये जाते हैं. वर्तमान में यह शोपस्टोन ग्राइंडर मिल भी बंद पड़ा हुआ है.

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