Giridih News : एसएसबी गिरिडीह मुख्यालय परिसर में मना आयुर्वेद दिवस

Giridih News : 35 वाहिनी सशस्त्र सीमा बल द्वारा मंगलवार को गिरिडीह मुख्यालय वाहिनी परिसर में आयुर्वेद दिवस मनाया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | October 30, 2024 12:37 AM
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Giridih News : 35 वाहिनी सशस्त्र सीमा बल द्वारा मंगलवार को गिरिडीह मुख्यालय वाहिनी परिसर में आयुर्वेद दिवस मनाया गया. अध्यक्षता 35 वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के कमांडेंट संजीव कुमार ने की. इस अवसर पर गिरिडीह के आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ परमेश्वर महतो ने आयुर्वेद के लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी दी. बताया कि आयुर्वेद विश्व की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से एक है. इसका जन्म लगभग तीन हजार वर्ष पहले भारत में ही हुआ था. इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा भी एक पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के रूप में स्वीकार किया गया है. आयुर्वेद इस विश्वास पर आधारित है कि स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती मन, शरीर, आत्मा और पर्यावरण के बीच एक नाजुक संतुलन पर निर्भर करता है. आयुर्वेदिक चिकित्सा का मुख्य लक्ष्य अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और बीमारी से लड़ना नहीं, बल्कि उसे रोकना है, लेकिन उपचार विशिष्ट स्वास्थ्य समस्याओं के लिए तैयार किये जा सकते हैं. आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की तुलना कभी भी मॉडर्न मेडिसिन सिस्टम से नहीं की जा सकती है, क्योंकि इनका शरीर पर काम करने का तरीका एक-दूसरे से काफी अलग रहा है. जहां एलोपैथिक दवाएं रोग से लड़ने के लिए डिजाइन की जाती हैं, वहीं आयुर्वेदिक औषधियां रोग के विरुद्ध शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है, ताकि आपका शरीर खुद उस रोग से लड़ सके. आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए शरीर, मन व आत्मा (स्वभाव) का एक सही संतुलन रखना जरूरी होता है और जब यह संतुलन बिगड़ जाता है तो हम बीमार पड़ जाते हैं. कार्यक्रम के दौरान उप कमांडेंट पीएल शर्मा ने सभी जवान को जागरूक करते हुए कहा कि आयुर्वेद की शुरुआती अवधारणाएं वेदों के उस हिस्से में बतायी गयी हैं, जिसे अथर्ववेद ( लगभग दूसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व ) के नाम से जाना जाता है. वैदिक चिकित्सा का काल लगभग 800 ईसा पूर्व तक चला. कार्यक्रम के दौरान वाहिनी के अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित थे.

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