Giridih News :आस्था का केंद्र है बाबा नंदानाथ महादेव मंदिर

Giridih News :गिरिडीह व धनबाद जिले की सीमा पर स्थित बराकर नदी के तट पर स्थापित बाबा नंदानाथ महादेव श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है. मकर संक्रांति के दूसरे दिन 15 जनवरी को हर साल यहां मेला लगता है. इसमें आसपास के लोगों के अलावा दूरदराज के लोग भी पूजा करने व मेले का आनंद लेने आते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 14, 2025 10:59 PM

चूड़ा-दही का लगता है भोग, मकर संक्रांति के दूसरे दिन उमड़ती है भीड़गिरिडीह व धनबाद जिले की सीमा पर स्थित बराकर नदी के तट पर स्थापित बाबा नंदानाथ महादेव श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है. मकर संक्रांति के दूसरे दिन 15 जनवरी को हर साल यहां मेला लगता है इसमें आसपास के लोगों के अलावा दूरदराज के लोग भी पूजा करने व मेले का आनंद लेने आते हैं. बराकर नदी में स्नान करने के बाद शिवलिंग में जलार्पण व पूजा करते हैं. श्रद्धालु बाबा भोलेनाथन को चूड़ा-दही का भोग लगाते हैं. पूजा के बाद बराकर नदी के किनारे बैठकर चूड़ा, दही, गुड़ आदि प्रसाद रूप में ग्रहण करते हैं. पूजा के बाद यहां लगने वाले खिचड़ी मेले का लुत्फ भी उठाते हैं. मकर संक्रांति फसलों से जुड़ा हुआ त्योहार है. प्रतिवर्ष धान की कटाई के बाद कई किसान पहला चढ़ावा बाबा को चढ़ाते हैं. गुड़ाई के समय धान की एक पोटली बनाकर अलग से रख लेते हैं और खिचड़ी मेले के दिन पूजन के बाद बाबा को अर्पित कर देते हैं. यह परंपरा वर्षों से प्रचलित है. ऐसी मान्यता है कि बाबा श्रद्धालुओं की मुराद पूरी करते हैं. कई लोग मनोकामना भी मांगते हैं. मनोकामना मन्नत पूरी होने के बाद बाबा को विभिन्न प्रकार के चढ़ावा चढ़ाते हैं.

टुंडी राजा करते थे अभिषेक

कहा जाता है कि पुरातन समय से ही यहां शिवलिंग स्थापित है. इस धार्मिक स्थल को टुंडी के राजा का भी संरक्षण प्राप्त था. वह मकर संक्रांति के अवसर पर प्रतिवर्ष यहां अभिषेक भी करवाते थे.

खुले में है शिवलिंग

गौरतलब है कि काफी लोकप्रिय होने के बावजूद आज भी यहां का शिवलिंग खुला ही है. अब तक मंदिर का निर्माण नहीं हो पाया है. ग्रामीण कहते हैं कि जब भी यहां मंदिर निर्माण का प्रयास किया गया, तो कोई ना कोई विघ्न उत्पन्न हो गया. इसलिए मंदिर का निर्माण नहीं हो पाया है. बाबा नंदानाथ महादेव पर लोगों की गहरी आस्था है. मकर संक्रांति के मौके पर यहां मेले जैसा माहौल होता है. यहां पूजा संपन्न कराने को लेकर गोपाल पंडा, मोहन पंडा, निशाकर पंडा, कांति पंडा, पुजारी पंडा समेत अन्य सक्रिय हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version