बाबा साहेब कुरीतियों के विरुद्ध थे, न कि किसी समाज के
बीएनएस डीएवी में रविवार को भारत के महान नेता, समाज सुधारक एवं भारतीय संविधान के निर्माता भारत रत्न बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर की जयंती धूमधाम से मनायी गयी.
गिरिडीह. मास्टर सावरेन मांझी जिला पुस्तकालय गिरिडीह में रविवार को बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती मनायी गयी. इसकी अध्यक्षता अरुण शर्मा ने की. श्री शर्मा कहा कि बाबा साहब कुरीतियों के विरुद्ध थे, ना कि किसी समाज के विरुद्ध. वह समानता के पक्षधर थे. पुस्तकालय कर्मी नितिन अग्रवाल ने कहा कि बाबा साहब शिक्षा के समर्थक और शिक्षित समाज के समर्थक थे. वह कहते थे शिक्षा से ही हमें अधिकार मिल सकता है.
बाबा साहेब सबके प्रेरणास्रोत : जिला पुस्तकालय में आयोजित कार्यक्रम में विकास विशाल कुमार ने कहा कि बाबा साहब के विचारों को अपने जीवन में अपनाने की जरूरत है ना कि जयंती मनाने की. कहा कि बाबा साहब समाज के हर तबके के लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. इसलिए विश्व की 100 से अधिक देशों में उनकी जयंती मनायी जाती है. कार्यक्रम को सफल बनाने में मुकेश कुमार, ईश्वर दास, वासुदेव दास, अमित कुमार, विवेक मोदी, राहुल, संजय, संदीप कुमार, धीरज, मनोज आदि छात्र-छात्राएं मौजूद थे.बुद्ध और कबीर की परंपरा के क्रांतिकारी मनीषी : डॉ हाजरा
गिरिडीह. बीएनएस डीएवी में रविवार को भारत के महान नेता, समाज सुधारक एवं भारतीय संविधान के निर्माता भारत रत्न बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर की जयंती धूमधाम से मनायी गयी. क्षेत्रीय निदेशक सह प्राचार्य डीएवी पब्लिक स्कूल झारखंड जोन-एच डॉ पी हाजरा की उपस्थिति में विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक के एल देशमुख, डॉ एनपी राठौर एवं व्यास कुमार झा ने बाबासाहेब के चित्र पर माल्यार्पण किया. मौके पर क्षेत्रीय निदेशक सह प्राचार्य डीएवी पब्लिक स्कूल झारखंड जोन-एच डॉ पी हाजरा ने कहा कि भारत के पहले कानून मंत्री दीनहीन शोषितों-वंचितों के नेता बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर संविधान निर्माता के साथ प्रख्यात शिक्षाविद व समाज सुधारक थे. वे बुद्ध और कबीर की परंपरा के क्रांतिकारी मनीषी थे. सामाजिक न्याय एवं सामाजिक असमानता के लिए लड़ाइयां लड़ीं. महिलाओं के बराबरी के अधिकार एवं भौतिक दायित्वों की बात की तथा शिक्षा पर विशेष जोर दिया. मौके पर मौली दास, गुप्ता जौली मजूमदार, एम रावत आदि मौजूद थे.